पहली बार सुखोई फाइटर जेट से दागी जाएगी ब्रह्मोस मिसाइल
हवा से जमीन में मार करने वाले ब्रह्मोस मिसाइल का प्रयोग दुश्मन की सीमा में घुसकर आतंकी कैंप पर सटीक निशाने साधने में किया जा सकेगा. इस परीक्षण के बाद यह मिसाइल दुश्मनों के लिए और खतरनाक हो जाएगी.
इस परीक्षण के बाद ब्रह्मोस मिसाइल का प्रयोग सर्जिकल स्ट्राइक जैसे अभियानों में भी किया जा सकेगा. इससे वह दुश्मन की सीमा में अंडरग्राउंड बंकरों पर भी निशाना साध सकेगी. एअरक्राफ्ट करियर को काफी दूर से कमांड और कंट्रोल भी किया जा सकेगा.
रूस के साथ मिलकर किया गया है तैयारबता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता 290 किमी और गति 2.8 मैच है. इससे जमीन और समुद्र पर निशाना साधा जा सकता है. भारत ने रूस के साथ मिलकर इसे तैयार किया है. इसे साल 2005 में पहली बार भारतीय सेना में शामिल किया गया था.
दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल
ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल है. तेज गति से आक्रमण के मामले में दुनिया की कोई भी मिसाइल इसकी बराबरी नहीं कर सकती.
मेनुवरेबल तकनीकी से है लैस
ब्रह्मोस मेनुवरेबल तकनीकी से लैस है. निशाना साधने के बाद यदि लक्ष्य रास्ता बदलता है तो ये भी अपना रास्ता बदल लेती है और उसे निशाना बनाती है.
ऐसे पड़ा है ब्रह्मोस नाम
ब्रह्मोस नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी पर रखा गया है. रूस इस प्रोजेक्ट में लॉन्चिंग टेक्नॉलजी उपलब्ध करा रहा है. भारत ने उड़ान के दौरान रूट गाइड करने की क्षमता विकसित की है.
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