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पुलिस की हमारी ज़िंदगी की सुरक्षा में एक एहम भूमिका

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लेखक शुभम चड्ढा

कहते है पुलिस वालो की दोस्ती और दुश्मनी दोनों बुरी होती हैं, यह कहावत सदियो से चली आ रही है परंतु कभी किसी ने यह सोचा है कि इनके चरित्र पे ऊँगली उठाने वाले हम कौन होते हैं ?  

आज इस लेख से यह सदियों पुरानी कहावत से पर्दा उठाने की कोशिश करूँगा और यह उम्मीद करूँगा कि आप सब की सोच थोड़ी बदल जाये पुलिस वालो के लिए ।

पुलिस एक ऐसी सरकारी सर्विस जिसमे ना कोई छुट्टी होती है, ना ही कोई दिन / रात, ना ही कोई बरसात होती हैं तो ना ही कोई तूफ़ान बस हर दिन हमारी सुरक्षा का ज़ज़्बा लिए दिन की शुरुआत करने वाले यह पुलिस ऑफिसर ज़िंदगी भर ड्यूटी करते रहते है ताकि हम सुरक्षित अपने घर पे रह सके ।

पर कभी यह सोचा है की ठंडी हवा में घर की छत के नीचे टीवी देखते हुए बस इनके ऊपर ऊँगली उठाने के इलावा हमारा कोई और काम है, कोई घटना घटती है तो पुलिस ज़िम्मेदार, कोई मर्डर होता है तो पुलिस ज़िम्मेदार, कोई किडनैप होता है तो पुलिस ज़िम्मेदार, हर गलत काम में इनको ज़िम्मेदार ठहरा के हम कौन सा क़िला फ़तेह करते है पता नहीं पर हम यह नहीं सोचते कि अगर घटनाओं से पहले अगर पुलिस को सब जानकारी होती तो क्या वो घटना घटित होती या ऐसे किसी वारदात को अंजाम देने की हिमाकत मुल्जिम करता शायद इसका जवाब मुझसे ज्यादा बेहतर आप समझते होंगे । 

कोई भी पुलिस वाला यह नहीं चाहता कि लड़की का रेप हो, या किसी का मर्डर, या किसी का अपहरण हो क्योंकि परेशानी तो सबको होगी पीड़ित को भी और पुलिसवालो को भी तो वो किस लिहाज़ से मुल्जिम हुए क्योंकि वो वारदात के समय वहाँ मौजूद नहीं थे, काश ! उनके पास भविष् देखने का यंत्र होता तो वारदात रुक जाती । 

अरे ! उनपे ऊँगली उठाने से पहले यह तो सोच लो की  जिस अभद्र घटना को देखने से आपका खून खौल उठता है, उसी घटना की तफ्तीश् करते हुए हर रोज़ कितना खून खौलेगा पुलिस का इसका अंदाज़ा आप नहीं लगा सकते ।

कोरोना महामारी में पुलिस वाले बने देवदूत 

कोरोना महामारी में दुनिया परेशान हो गयी 1 करोड़ से ज्यादा मरीज़ विश्वभर में कोरोना से संक्रमित हुए और वहीं भारत में कोरोना महामारी से करीब 6 लाख से ऊपर मरीज़ हो चुके है । 

पर ऐसी तमाम किस्से सुनने को मिले जहाँ पुलिसवालों ने अपनी जान पे खेल कर भारत के मजदूरों की और बुजुर्गों की मदद की ।

हम बख़ूबी जानते है कि मार्च 2020 से संपूर्ण भारत में लॉकडौन हो गया, सबको पता है कि इस लॉकडौन से हर इंसान बेहद परेशान हुआ, चाहें वो बुजुर्ग हो या फिर बच्चे या जवान सबको लॉकडौन से बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ा । इन सब परेशानियों में पुलिस वालो ने भगवान् का रूप लेकर सब लोगों की दिल से मदद कि ।

कुछ अनोखे उदाहरण जिसने पुलिस महकमें का इंसानियत भरा चेहरा दिखाया 

1. उत्तर प्रदेश : देश के सबसे बड़े शहरों में से एक उत्तर प्रदेश जहाँ हर जनजाति के लोग रहते है, पर कोरोना महामारी में पुलिस वालों ने कुछ बेमिसाल उदाहरण दिए जैसे कि लखनऊ में एक बुजुर्ग महिला को कंधे पे बैठा कर गाड़ी में बैठाया ताकि वो बुजुर्ग अपने गाँवो जा सके, 

ऐसे ही दूसरे ज़िले से आते वक़्त एक महिला कि बच्चा डिलिवरी का समय आ गया आनन फानन में पुलिस ने उस महिला के लिए बीच रास्ते में बच्चे की डिलीवरी के लिए तमाम इंतज़ाम किये ताकि उस महिला और बच्चे दोनों को बचाया जा सके ।

ऐसे ही एक महिला ने पुलिस मुख्यालय में फ़ोन कर यह गुज़ारिश की उसके बच्चे का जन्मदिन है तो क्या हम बाहर जा कर सामान ला सकते है यह सुनते ही कुछ पुलिस अधिकारी खुद बच्चे के लिए केक और बैलून लेकर आये ताकि उस बेचारी महिला को कोरोना के वक़्त बाहर ना जाना पड़े ।

2. केरला और तमिल नाडु : यह दोनों ज़िले की पुलिस ने लोगो को सोशल distancing का पालन करने के लिए अनोखे अंदाज़ से लोगों को समझाया जैसे कि आरती की ताली लेकर पूजा करना जो बाहर निकल रहे थे उनके लिए, गाना गया कर लोगों को लॉकडौन में मनोरंजन करना, भगवत् गीता का पाठ करना, और ऐसे तमाम किस्से पुलिस के बारे में सुनने को मिले ।

यही नहीं पुलिस ने खाने का स्टाल लगा कर गरीब और प्रवासी मजदूरों को खाना भी दिया ताकि वो पेट भर के खा सके और कोरोना महामारी में कोई भूका ना रहे ।

3. Delhi और महाराष्ट्रा : यहाँ इसवक्त दोनों शहरों में कोरोना के सबसे ज्यादा केस है, और गौर करने कि बात यह है कि पुलिस की ड्यूटी करते वक़्त इन दोनों शहरों में पुलिस वालों को काफी ज्यादा कोरोना हुआ हैं, इस खबर के बावजूद उन्होंने निडर हो कर पुलिस की ड्यूटी की और अपने साथियों के ठीक होने की मनोकामना भी किया । Delhi में कई किस्से सुनने को मिले जहाँ अपनी जान की फिक्र ना करके उन्होंने गरीब और बेसहारा मजदूरों की मदद की यही नहीं उन्होंने बुजुर्गों के लिए खाने का इंतज़ाम भी किया और हाल चाल के लिए बखूबी उनको फ़ोन तक करते रहते थे । वहीँ दूसरी तरफ देश की आर्थिक शहर मुंबई में फ़ूड स्टाल और गरीब बेसहारा लोगों के लिए रहने का इंतज़ाम पुलिस वालों ने करके अपने फ़र्ज़ को निभाया और कोरोना महामारी में देश के लिए बख़ूबी निःस्वार्थ सेवा किए ।

4. कर्नाटक : यहाँ पुलिस वालों ने लॉकडौन का पालन करने के साथ ही लोगोँ के घर जाकर मुहिम चलायी ताकि कोई भी घर इस कोरोना महामारी में जरूरी सेवाओँ से महरूम ना रह जाये ।

यहाँ भी भारत के हर शहर की तरह काबिले तारीफ भूमिका निभायी और निःस्वार्थ लोगों की मदद की ।

यह कुछ उदाहरण है जिससे यह पता चल गया होगा कि पुलिस किसी भगवान से कम नहीं है जिन्हीने भारत के विब्भिन शहरों में लोगों की मदद की और 24 घंटे अपनी ड्यूटी कर कोरोना से लड़ने में एहम भूमिका निभाई ।

गुंडे और पुलिस की झड़प हमारी सुरक्षा के लिए

कई सालों से आँख मिचोली का खेल खेला जाता है, गुंडों और पुलिस की झड़प आम बात हैं, परंतु कभी इतना फरक नहीं पढ़ा हम्हे जितना कि अब पढ़ता इसका प्रमुख़ कारण है सोशल मीडिया और न्यूज़ जो बेबाकी अंदाज़ से हर छुपे हुए पहलुओं को हमारे सामने रखता है । कुछ प्रमुख़ घटनाएं जिसमें कई पुलिस जवान हमारी सुरक्षा के लिए वीर्यगति को प्राप्त हो गए या बुरी तरह घायल हो गए : 

अप्रैल 2020 जम्मू और कश्मीर में आतंकी हमले में पुलिस के जवान शहीद हो गए 

जनवरी 2019 को Delhi में बदमाशों से मुठभेड़ में कई जवान घायल हुए 

3 जुलाई 2020 को कानपुर में 30 से ज्यादा बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की पुलिस बल पे इसमें 8 पुलिस ऑफिसर शहीद हो गए और कई घायल 

ऐसे ही एक रिकॉर्ड सामने आया की तकरीबन 500 पुलिस ऑफिसर हर साल देश की सेवा करते हुए शहीद होते है और वहीँ हज़ारों की गिनती में घायल होते है ।

कभी सोचा है कि यह सब किसके लिए आज कानपुर की घटना की चर्चा हर जगह है सवाल यह नहीं है कि पुलिस वालों की शहादत उन्ही में अंदरूनी मुखबरी से हुई सवाल यह है कि ऐसा क्यों हुआ ? 

इसका जवाब यह है की इन्होंने हमारी सुरक्षा के लिए देश को क़ुर्बानी दे दी, इन मुल्जिम को पकड़ने के लिए गए इन वीरों को मृत्यु नसीब हुई, इनके परिवार से हमारी सहानभूति है और इन वीरों को दिल से सलाम है जिन्होंने हमेशा हम्हे सुरक्षित रखा है ।

शायद इतना काफी है पुलिस की भूमिका बताने के लिए कि वो हमारी सुरक्षा के लिए कितनी एहम भूमिका निभाती निःस्वार्थ और निडर हो कर 24 घंटे हर 365 दिन बिना कुछ बोलें हमारे लिए खड़ी रहती है, यह किसी देवदूत से कम नहीं जिन्होंने हर मुश्किल घड़ी में बिना किसी मतलब के देश की सेवा की और हम्हे पूर्ण रूप से सुरक्षा प्रदान की ।

आओ हम सलाम करते है उन वीरो को जिन्होंने हमारी सुरक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान की, आओ हम सलाम करते है उन्हें जो हमेशा देश की सेवा करते है और ड्यूटी करते है ।

एक बार ऊँगली उठाने से पहले उनके परिवार से पूछ के या सोच के देखो कितनी शिददत से उनका इंतज़ार करते है, और वो हमेशा देश की सेवा के लिए ड्यूटी कर रहे होते है, हमारी ज़िंदगी बहुत छोटी सी है इसमें कई लोग आते है और कई लोग चले जाते है पर पुलिस हमारी ज़िंदगी के रियल लाइफ हीरोज है, जिन्होंने हमेशा हमारी सेवा की और सुरक्षा करते हुए हम्हे यह कभी एहसास होने नहीं दिया की हम किसी मुसीबत में है ।

ऐसे तमाम पुलिस वालों को इस लेख से मेरे दिल से सलाम है जिन्होंने हमेशा मुझे और मेरे परिवार को सुरक्षित रखा है । 

जय हिन्द जय भारत ! वंदे मातरम् ! 

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