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प्रदूषण से पक्षी हो रहे बेहोश तो कुत्तों में बढ़ी एलर्जी

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प्रदूषण से पक्षी हो रहे बेहोश तो कुत्तों में बढ़ी एलर्जी

 

 

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बेतहाशा बढ़े 
प्रदूषण ने पशु-पक्षियों का भी सुख-चैन छीन लिया है. उनमें बेचैनी बढ़ रही है. गुरुग्राम के एक बर्ड अस्पताल में दस दिनों में 25 पक्षी बेहोशी की हालत में पहुंचाए गए. उनकी आंखें खराब हो रही हैं तो कुत्तों में खांसी और एलर्जी की समस्याएं सामने आ रही हैं.

बांबे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के सदस्य और बर्ड वॉचर एन. शिवकुमार सवाल करते हैं “धुंध और धुएं से लिपटे क्षेत्रों में पक्षी कैसे आएंगे?, खुद महसूस करिए, आपके आसपास पक्षियों का कलरव दिनोंदिन कम होता जा रहा है. पक्षी हमसे ज्यादा सेंसटिव होते हैं, इसलिए वे प्रदूषण से ज्यादा मरते हैं.”

कम मेहमान पक्षी आएंगे

प्रदूषण से मरते हैं पक्षी

इस बारे में हमने दिल्ली बर्ड वाचर ग्रुप के कॉर्डिनेटर केबी सिंह से भी बात की. वह कहते हैं “पक्षी बायो इंडीकेटर होते हैं. ये प्रदूषण की वजह से दिल्ली-एनसीआर में लगातार कम हो रहे हैं. ओखला और सुल्तानपुर बर्ड सेंचुरी में जितने पक्षी पहले दिखते थे अब नहीं दिखते. प्रदूषण से पक्षी मरते भी हैं और पलायन भी करते हैं.” सिंह के अनुसार “हमने 2000 से 2017 तक सिर्फ 450 तरह के पक्षियों की प्रजाति दिल्ली-एनसीआर में देखे हैं. प्रदूषण ऐसा ही रहा तो इसमें कमी दर्ज की जाएगी.”

दस दिन में आए 25 बेहोश पक्षी 

जैन चैरिटी बर्ड हॉस्पिटल गुरुग्राम के संचालक नरेश जैन ने बताया ” इतने अधिक प्रदूषण की वजह से पक्षियों में बेचैनी बढ़ी है. वे बेहोश हो रहे हैं और उनकी आंखों पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है. पिछले 10 दिन में 25 पक्षियों को लोगों ने बेहोशी की हालात में अस्पताल पहुंचाया है.” संस्थानम अभय दानम बर्ड हॉस्पिटल के डॉ. विनोद बता रहे हैं कि “प्रदूषण की वजह से पक्षियों की आंखों में समस्या आ रही है. उनकी आंखों में सूजन है. वे बेचैन हैं. हमारे यहां ऐसे कुछ पक्षियों का इलाज चल रहा है.”

पॉलिथीन के बाद प्रदूषण इस तरह डाल रहा असर

पॉलिथीन और बढ़ते प्रदूषण के बाद अब स्मॉग जानवरों और परिंदों के लिए भी खतरे की घंटी बनता जा रहा है. खासतौर पर ठंड के मौसम में पशुओं के लिए बदलते तापमान से कदमताल करना आसान नहीं होता है. ऐसे में स्मॉग ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं.  खासतौर पर मध्य प्रदेश के उत्तर भारत से सटे इलाकों में स्मॉग पशुओं की दिनचर्या को भी प्रभावित कर रहा है.

पक्षियों की उडान में भी स्मॉग से दिक्कत

अलसुबह सड़कों पर विचरण करने वाले पशुओं के लिए विजिबिलिटी कम होने और हवा में जहरीले तत्वों की मौजूदगी उन्हें विचलित कर रही है. ऐसे में कुछ जगहों पर यह भी देखा जा रहा है कि पशु लंबे समय तक अपनी जगह ही नहीं छोड़ते हैं, जबकि परिंदों की उड़ान भी अब पौ फटने के काफी देर बाद ही शुरू होती है. जानकार बताते हैं कि खासतौर पर ऊंचाई पर उड़ान भरने वाले परिंदों के लिए स्मॉग दिक्कतें देने वाला है. ​

कुत्तों पर प्रदूषण का असर
सोलन (हिमाचल प्रदेश्)  के नालागढ़ में जानवरों के डॉक्टर सतनाम सेखो बताते हैं कि “प्रदूषण बढ़ने से जानवरों पर तो ज्यादा असर नहीं है, लेकिन कुत्तों असर देखने को मिल रहा है. कुत्तों में खांसी और एलर्जी के मामले सामने आ रहे हैं. नालागढ़ में सप्ताह में एक से दो मामले ऐसे आ रहे हैं. एनिमल हस्बेंडरी बोर्ड, शिमला के सीईओ आरके आनंद ने बताया कि ” हिमाचल में तो पाल्युशन लेवल इतना नहीं है, लेकिन अगर दिल्ली जैसे हालात या स्मॉग बढ़ता है तो जानवरों में बॉयोलिजकल और मेटाबॉलिज्म डिसऑर्डर की समस्या आएगी. चर्म रोग और आंखों पर असर होगा. इससे जानवर सुस्त हो जाते है.

…तो खतरनाक हो सकती है स्थिति

पशु विशेषज्ञों का मानना है कि अगर स्थिति ऐसी ही बनी रही तो पशु-पक्षियों पर भी असर दिखने लगेगा. लखनऊ स्थित वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान के पशु चिकित्सक डॉ उत्कर्ष शुक्ला ने बताया कि फिलहाल प्रदूषण का असर चिड़िया घर में देखने को नहीं मिला है. अगर इसका असर इंसानों पर होता है तो जाहिर सी बात है जानवरों पर भी देखने को मिलेगा. उन्होंने कहा कि अगर ऐसी स्थिति लगातार बनी रहती है तो स्थिति खतरनाक हो सकती है.

-साथ में मध्य प्रदेश से मनोज खांंडेकर, हिमाचल प्रदेश  से विनोद कुमार एवं यूपी से अमित तिवारी  

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