प्रद्युम्न मर्डर : फिंगरप्रिंट्स मिटाना सीख चुका था आरोपी छात्र
फर्स्टपोस्ट की खबर के मुताबिक, सितंबर में हुई प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या की जांच कर रही सीबीआई का कहना है आरोपी के लैपटॉप और मोबाइल फोन की इंटरनेट सर्च हिस्ट्री से ये पता चला है.
हत्या से पहले की थी तैयारी
आरोपी छात्र को रिमांड पर लेने के बाद सीबीआई ने कहा है कि उसने प्रद्युम्न की हत्या से पहले काफी तैयारी की थी. सीबीआई के अधिकारियों को संदेह है कि प्रद्युम्न का गला काटने के बाद आरोपी छात्र ने चाकू को टॉयलेट के कमोड में फेंक दिया था.बता दें कि शनिवार को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने आरोपी छात्र को 22 नवंबर तक निगरानी-गृह में रखा है. यह छात्र रायन इंटरनेशनल गुरुग्राम में 11 वीं का छात्र है. सीबीआई का दावा है कि छात्र ने पिता और एक स्वतंत्र गवाह के सामने अपराध कुबूल किया है.
पूछताछ पूरी
इससे पहले सीबीआई ने स्कूल में क्राइम सीन तैयार किया था. एक डमी के माध्यम से मर्डर सीन को दोबारा प्रस्तुत किया गया. फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट में बताया गया है कि सीबीआई ने आरोपी को हिरासत में लेने के बाद सवाल-जवाब की कार्रवाई पूरी कर ली है.
ऐसे में जेजेबी को दी गई एप्लीकेशन में स्पष्ट है कि सीबीआई छात्र की अब और कस्टडी नहीं चाहती है. फिलहाल वह निगरानी-गृह में है. हालांकि सीबीआई की इस रिपोर्ट पर आरोपी छात्र के पिता ने विरोध दर्ज कराया है.
पिता ने कहा – बेटे को टॉर्चर किया
आरोपी के पिता का कहना है कि सीबीआई ने उनके बेटे को टॉर्चर किया है. जबकि वह निर्दोष है. हालांकि पिता के इन आरोपों पर जुवेनाइल कोर्ट ने एक वेलफेयर ऑफिसर नियुक्त किया है जो आरोपी छात्र से किसी भी प्रकार के सवाल-जवाब के दौरान हमेशा मौजूद रहेगा और पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेगा.
हालांकि इस पूरे मामले में सीबीआई ने हरियाणा पुलिस पर लापरवाही बरतने और सबूत मिटाने का आरोप लगाया है. वहीं दवाब बनाने पर हरियाणा पुलिस ने अपनी गलतियां स्वीकार भी की हैं.
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