बंगाल में लोकतंत्र गंभीर खतरे का कर रहा है सामना : मुकुल राय
उन्होंने कहा, टीएमसी का दावा है कि यह अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (एआईटीएमसी) है, लेकिन क्या आप बंगाल के अलावा किसी एक राज्य का उदाहरण दे सकते हैं, जहां टीएमसी की सही उपस्थिति हो. अपनी नीतियों की वजह से तृणमूल ने त्रिपुरा, मणिपुर और अन्य राज्यों में अपना आधार खो दिया है. किसी समय टीएमसी के दूसरे नंबर के और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीब सहयोगी रहे नेता पिछले सप्ताह दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये थे.
राय ने कहा, वाम शासन के दौरान, उन्होंने साफ-सुथरे चुनावों को मंजूरी नहीं दी, लेकिन उन्होंने कभी भी विपक्षी दलों के अधिकारों पर अंकुश लगाने की कोशिश नहीं की. वर्तमान शासन में, विपक्षी दलों को स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से काम करने की अनुमति नहीं है.
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