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भारत में ड्रग्स-हथियारों की तस्करी के लिए हो सकता है ड्रोन का इस्तेमाल!

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भारत में ड्रग्स-हथियारों की तस्करी के लिए हो सकता है ड्रोन का इस्तेमाल!

 

 

पाकिस्तान के आतंकवादी और तस्कर भारत में आतंक फैलाने के लिए नई-नई तकनीक अपना रहे हैं. पाक आतंकी और तस्कर सुरक्षा एजेंसियों की नजर से बचने के लिए नशीले पदार्थों और हथियारों को भारतीय सीमा पर गिराने के लिए ड्रोन और पैराग्लाइडर्स का इस्तेमाल कर सकते हैं. मल्टी एजेंसी ग्रुप की ओर से एक खुफिया रिपोर्ट में ये बातें कही गई हैं.

‘इकोनॉमिक टाइम्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक, एजेंसी ने संबंधित रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. इस रिपोर्ट में पंजाब में आतंकवादी गतिविधियां फिर से शुरू होने की कोशिशों पर चिंता जताई गई है. साथ ही आने वाले दिनों में सीमा पार से हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी के कैसे ट्रेंड हो सकते हैं, इसपर चर्चा की गई है.

इस खुफिया रिपोर्ट को तैयार करने वाले ग्रुप में सरकार के अधिकारी, आर्मी, बीएसएफ और पंजाब पुलिस के अधिकारी शामिल थे. रिपोर्ट में सीमा पार से नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी पर चिंता जाहिर की गई है. साथ ही ये आशंका जताई गई है कि कैसे पाक आतंकी ड्रोन के जरिए भारत में ड्रग्स और हथियार गिरा सकते हैं और जीपीएस से उसे ट्रैक कर सकते हैं.

बीएसएफ ने इस तरह के 40 मामले दर्ज किए हैं. इनमें से 36 मामले तो सिर्फ अमृतसर सेक्टर से हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि पंजाब में घुसपैठ में कैसे सिख और कश्मीरी आतंकवादी मदद कर रहे हैं.रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि सीमापार इलाकों में कैसे अफसरों को फंसाकर उनके जरिए तस्करी कराने के लिए कुछ महिलाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, ‘दोनों तरफ से गतिविधियां तेज होने पर तस्कर अपना काम निकालने के लिए बीएसएफ रेंजर्स को फंसा सकते हैं.’

यही नहीं, बीएसएफ के मुताबिक, तस्कर और आतंकवादी आपस में बातचीत करने के लिए फेसबुक, व्हाट्सऐप, स्काइप, आईएमओ और मैसेंजर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो सुरक्षा बलों के लिए बड़ी चुनौती है.

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