मनमोहन सिंह से जबरन बातें कहलवाई जा रही हैं जो वो नहीं कहना चाहते: नकवी
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से जबरन ऐसी बातें कहलवाई जा रही हैं जो वो कहना नहीं चाहते. उन्होंने कहा कि
नोटबंदी के मुद्दे पर मनमोहन के मुंह में शब्द डाले जा रहे हैं.
नोटबंदी के एक साल पूरे होने पर बीजेपी की ओर से आयोजित ‘काला धन विरोधी दिवस’ के अवसर पर नकवी पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे.
केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया, ‘मेरा मानना है कि वो एक भद्र पुरुष हैं, एक अनुभवी नेता हैं, लेकिन समस्या ये है कि उनके मुंह में शब्द डाले जा रहे हैं.’ नकवी ने कहा, ‘जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे तो कांग्रेस उन्हें सिखाया-पढ़ाया करती थी, वो उनका अनादर करती थी. सभी को याद होगा कि कैसे कांग्रेस के मौजूदा युवराज ने (दोषी सांसदों को अयोग्य करार होने से बचाने के लिए लाए गए) अध्यादेश को बकवास बताकर खारिज़ कर दिया था.’
इससे पहले, नकवी ने कहा कि नोटबंदी ‘क्रांतिकारी कदम’ था जिससे आतंकवाद और नक्सली हिंसा में काफी कमी आई है.नकवी ने कहा, ‘आज देश की जनता समझ रही है कि नोटबंदी भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ एक निर्णायक लड़ाई है. नोटबंदी के फैसले को एक साल हो रहा है और इस एक साल में हमारी सरकार का फैसला पूरी तरह सही और सफल साबित हुआ है. लोग तकलीफ के बावजूद भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की इस लड़ाई में साथ खड़े रहे.’
उन्होंने कहा, ‘नोटबंदी अपने आप में एक क्रांतिकारी कदम था जिसका उद्देश्य भ्रष्टाचार पर प्रहार करना, कालेधन को उजागर करना, जाली नोटों पर रोक लगाना, आतंकवाद और नक्सलवाद की गतिविधियों की फंडिंग की कमर तोड़ना और देश के विकास के रास्ते में भ्रष्टाचार के रोड़े को हटाना रहा है.’ नकवी ने दावा किया, ‘नोटबंदी के चलते कश्मीर में पत्थरबाजी और आतंकी गतिविधियों में 75 फीसदी की कमी आई है. नक्सल हिंसा में 20 फीसदी से भी ज्यादा गिरावट हुई है. इसका असर आगे और दिखेगा.’
उन्होंने कहा, ‘मोदी सरकार बदले की राजनीति नहीं बल्कि बदलाव की राष्ट्रनीति पर यकीन करती है. अपने तीन वर्ष के दौरान मोदी सरकार ने बदले की राजनीति नहीं बल्कि समावेशी विकास और रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म की राष्ट्रनीति के साथ काम किया है. एनडीए सरकार में सभी जांच एजेंसियों को पूरी स्वतंत्रता दी गई है ताकि वो अपना काम पूरी निष्पक्षता से बिना किसी दबाव या राजनीतिक हस्तक्षेप के कर सके. जबकि कांग्रेस के समय में सीबीआई और अन्य जांच एजेंसियों का दुरूपयोग राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को परेशान करने के लिए किया जाता था.’
नकवी ने कहा, ‘भारत की अर्थव्यवस्था के प्रति दुनिया का विश्वास बढ़ा है. आज भारत निवेशकों के लिए एक सुरक्षित एवं सरल ठिकाना बनता जा रहा है. विमुद्रीकरण ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई है. कर आधार बढ़ाने में नोटबंदी सफल रही है. नोटबंदी के बाद लगभग 57 लाख आयकरदाता बढ़ गए हैं. चालू वित्त वर्ष मे अप्रैल से अक्तूबर के दौरान लोगों और कंपनियों ने रिकॉर्ड 3 करोड़ 78 लाख रिटर्न दाखिल किए. आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर अब तक 6 करोड़ 85 लाख करदाता पंजीकृत हो चुके हैं, जो एक रिकॉर्ड है.’
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