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महाराष्ट्र में ‘वीआईपी नंबर’ अब और भी महंगे!

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महाराष्ट्र में 'वीआईपी नंबर' अब और भी महंगे!
महाराष्ट्र में 'वीआईपी नंबर' अब और भी महंगे!

महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में राज्य में नए वाहनों के लिए वीआईपी नंबरों के लिए शुल्क में भारी वृद्धि की है. इस बदलाव का उद्देश्य राजस्व में वृद्धि और वीआईपी नंबरों की बढ़ती मांग को नियंत्रित करना है. इस लेख में हम नए शुल्क और इसके संभावित प्रभावों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे.

नई फीस और उसका प्रभाव

महाराष्ट्र परिवहन विभाग द्वारा 30 अगस्त, 2023 को जारी एक अधिसूचना के अनुसार, नए शुल्क प्रभावी तुरंत लागू हो गए हैं. इन नए नियमों के तहत, सबसे लोकप्रिय ‘0001’ नंबर, जो पहले चार पहिया वाहनों के लिए ₹3 लाख था, अब ₹6 लाख का है. यह वृद्धि मुंबई, पुणे, ठाणे, औरंगाबाद, नाशिक, और कोल्हापुर जैसे उच्च मांग वाले क्षेत्रों के लिए लागू है.

मुख्य परिवर्तन:

  • चार पहिया वाहन:
    • ‘0001’ नंबर: ₹3 लाख से बढ़कर ₹6 लाख
    • श्रेणी से बाहर नंबर: ₹12 लाख से बढ़कर ₹18 लाख
  • दोपहिया और तीन पहिया वाहन:
    • ‘0001’ नंबर: ₹50,000 से बढ़कर ₹1 लाख

इस वृद्धि का प्रभाव वाहन मालिकों पर पड़ सकता है, जो अब एक आकर्षक वीआईपी नंबर के लिए उच्च कीमत चुकाने को तैयार होंगे.

वीआईपी नंबरों की बढ़ती मांग

वीआईपी नंबरों की मांग में लगातार वृद्धि हुई है, जिसका मुख्य कारण उच्च आय वर्ग के लोगों, बड़े व्यापारियों, राजनेताओं, और हस्तियों का बढ़ता प्रवृत्ति है. इन नंबरों को उनकी गाड़ियों के लिए एक प्रतिष्ठित प्रतीक के रूप में देखा जाता है.

वीआईपी नंबर की लोकप्रियता का कारण:

  • सामाजिक स्थिति का प्रतीक: वीआईपी नंबर एक तरह की सोशल स्टेटस का संकेत देते हैं.
  • विशिष्ट पहचान: ये नंबर किसी के वाहन को दूसरों से अलग करने में मदद करते हैं.
  • आकर्षकता और दर्शनीयता: कुछ नंबरों को “शुभ” या “खास” माना जाता है, जो उनके मालिक के लिए आकर्षण और दर्शनीयता बढ़ाता है.

दोपहिया-तीन पहिया वाहनों के लिए कितनी फीस?

चार पहिया वाहनों के अलावा, महाराष्ट्र सरकार ने दोपहिया और तीन पहिया वाहनों के लिए भी वीआईपी नंबरों की फीस बढ़ाई है.

दोपहिया-तीन पहिया वाहनों के लिए नए शुल्क:

  • ‘0009’, ‘0099’, ‘0999’, ‘9999’, ‘0786’: ₹20,000 से बढ़कर ₹50,000
  • अन्य लोकप्रिय नंबर: ₹15,000 से बढ़कर ₹25,000

इन परिवर्तनों का उद्देश्य सभी प्रकार के वाहनों के लिए वीआईपी नंबरों के मूल्य को समायोजित करना है.

वीआईपी नंबर ट्रांसफर की अनुमति

नए नियमों के तहत, राज्य सरकार ने अब वीआईपी नंबर को निकटतम परिवार के सदस्यों, जैसे पति-पत्नी, बेटा और बेटी को स्थानांतरित करने की अनुमति दी है. पहले, इस तरह का स्थानांतरण निषिद्ध था. यह बदलाव परिवार के सदस्यों को वीआईपी नंबर का लाभ उठाने के लिए एक अधिक लचीला तरीका प्रदान करता है.

नए नियम और अवधि में बढ़ोतरी

वाहनों के मालिकों की सुविधा के लिए, सरकार ने आरक्षित नंबर के साथ वाहन प्रस्तुत करने की अवधि को बढ़ाकर 6 महीने कर दिया है. पहले, यह अवधि 30 दिनों तक सीमित थी. इस विस्तार का उद्देश्य वाहन मालिकों को वीआईपी नंबर के लिए पर्याप्त समय देना है.

राजस्व में वृद्धि की उम्मीद

वीआईपी नंबरों के लिए फीस में वृद्धि से राज्य परिवहन विभाग के लिए राजस्व में बढ़ोतरी की उम्मीद है. पिछले आंकड़ों से पता चलता है कि विभाग को पंजीकरण नंबर जारी करने से значительный राजस्व प्राप्त होता है.

अवैध वीआईपी नंबर

हाल ही में, पूजा खेडकर, एक विवादास्पद ट्रेनी आईएएस, एक निजी कार पर लाल और नीले बत्ती के साथ वीआईपी नंबर प्लेट का उपयोग करने के कारण मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में आ गई थी. उनके आरोपों के बाद, यूपीएससी ने उनकी आईएएस उम्मीदवारी को रद्द कर दिया है.

निष्कर्ष

महाराष्ट्र सरकार द्वारा वीआईपी नंबरों के लिए शुल्क बढ़ाने का निर्णय राज्य परिवहन विभाग के राजस्व में वृद्धि करने और वीआईपी नंबरों की बढ़ती मांग को नियंत्रित करने का एक प्रयास है. इस बदलाव से राज्य सरकार के वित्तीय परिस्थितियों में सुधार हो सकता है और वीआईपी नंबरों के अनैतिक उपयोग पर भी नियंत्रण हो सकता है. हालांकि, इस परिवर्तन से वाहन मालिकों को आर्थिक दबाव भी पड़ सकता है.

मुख्य बातें

  • महाराष्ट्र सरकार ने वीआईपी नंबरों के लिए फीस बढ़ाई है.
  • चार पहिया वाहनों के लिए ‘0001’ नंबर अब ₹6 लाख का है.
  • वीआईपी नंबरों की बढ़ती मांग मुख्य कारण है.
  • सरकार अब परिवार के सदस्यों को वीआईपी नंबर स्थानांतरित करने की अनुमति देती है.
  • राज्य को राजस्व में बढ़ोतरी की उम्मीद है.
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