Home राष्ट्रीय माहौल को सांप्रदायिक बनाने की ‘हताश कोशिश’ कर रहे हैं शाह: सिद्धरमैया

माहौल को सांप्रदायिक बनाने की ‘हताश कोशिश’ कर रहे हैं शाह: सिद्धरमैया

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माहौल को सांप्रदायिक बनाने की ‘हताश कोशिश’ कर रहे हैं शाह: सिद्धरमैया

 

बेंगलुरू। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने ‘टीपू जयंती’ मनाने को लेकर उनकी सरकार पर हुए हमले के बाद अमित शाह पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा प्रमुख विधानसभा चुनाव से पहले माहौल में सांप्रदायिकता फैलाने की ‘हताश कोशिश’ कर रहे हैं। गौरतलब है कि भाजपा अध्यक्ष ने कल ही टीपू जयंती को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा था। इसपर जवाब देते हुए सिद्धरमैया ने आज दावा किया चुनाव ‘‘शाह जैसे पर्यटकों’’ को यहां खींच लाया है, जो राज्य के बारे में अपनी अनभिज्ञता दर्शाते हैं। मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘हम नव कर्नाटक के 26 नेताओं और निर्माताओं की जयंती मनाते हैं।

सांप्रदायिकता फैलाने की हताश कोशिश में अमित शाह ने सिर्फ टीपू जयंती को निशाना बनाया।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘चुनाव आ रहे हैं। यह अमित शाह जैसे पर्यटकों को खींच लाता है। वह हमारे राज्य के बारे में अनभिज्ञता दर्शाते हैं और कन्नड़ राज्योत्सव को ‘कर्नाटक महोत्सव’ कहते हैं। रैली में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी. एस. येद्दियुरप्पा की अगुवाई में 75 दिवसीय राज्य व्यापी ‘यात्रा’ को रवाना करते हुए शाह ने ‘टीपू जयंती’ समारोह की निंदा की थी और सिद्धरमैया सरकार पर ‘वोट बैंक की राजनीति’ करने का आरोप लगाया था। शाह ने कहा था, ‘‘कल एक नवंबर था। यह कर्नाटक स्थापना दिवस था।

कर्नाटक महोत्वस काफी भव्य तरीके से होना था लेकिन सिद्धरमैया सरकार को कर्नाटक महोत्सव में दिलचस्पी ही नहीं है, वह तो 10 नवंबर को टीपू जयंती मनाने के प्रति उत्साह में डूबी है।’’ सिद्धरमैया ने कई ट्वीट कर टीपू जयंती का बचाव किया। उन्होंने लिखा, ‘‘राज्य के लोगों ने टीपू जयंती को स्वीकार किया है। टीपू देशभक्त थे। वह हिंदुओं या किसी अन्य समुदाय के विरुद्ध नहीं थे।’’ मुख्यमंत्री ने प्रदेश भाजपा नेताओं पर चुटकी लेते हुए आरोप लगा कि उन्होंने कभी टीपू सुलतान को स्वतंत्रता सेनानी कहा था लेकिन अब शाह से पाठ पढ़कर वह प्रबुद्ध हो गये हैं।

उन्होंने दावा किया भाजपा यात्रा पहले दिन से ही विफल हो गयी है, जिससे साबित होता है कि जनता पार्टी के साथ नहीं हैं। भाजपा टीपू जयंती का विरोध करती आ रही है क्योंकि उसका मानना है कि 18 वीं सदी में मैसूर का यह शासक नृशंस हत्यारा और कट्टर था जिसने लोगों को मुसलमान बनाया।कर्नाटक में अगले साल के आरंभ में विधानसभा चुनाव होने हैं और भाजपा सिद्धरमैया सरकार को बेदखल कर सत्ता पर काबिज होने के प्रयास में है।

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