रिक्शावाला, जो सालभर से डिजिटल ट्रांजिक्शन से लेता है भाड़ा
सिलीगुड़ी में एक रिक्शावाला है, जो पिछले एक साल से अपने रिक्शे पर बैठने वालों से आनलाइन भाड़ा लेता है. इसके लिए उसने कई तरीके अपना रखे हैं.
बंगाल के इस रिक्शेवाले का नाम सुशील बर्मन है, जिसने नोटबंदी के तुरंत बाद आनलाइन तरीके से पैसा लेना शुरू किया. अब वह अपने शहर में डिजिटल ट्रांजिक्शन के लिए एक मिसाल बन गया है.
भाड़ा लेने का अनोखा तरीका
सुशील का कहना है, “मैं चाहता हूं कि कैशलेस ट्रांजिक्शन को हर कोई अपनाए और इंटरनेट का इस्तेमाल करे, इसलिए मैने भाड़ा लेने का ये तरीका अपनाया. मैं आनलाइन भुगतान के कई तरीकों का इस्तेमाल करता हूं. जिसमें क्रेडिट और डेबिट कार्ड के अलावा मोबाइल एप के जरिए भुगतान शामिल है.”
नए ग्राहकों को डिस्काउंट भी
सुशील बंगाल के सिलीगुड़ी में रहता है. ऐसा नहीं है कि उसे आनलाइन पेमेंट लेने के चलते कभी कोई दिक्कत आई बल्कि उल्टा ही हुआ. उसका कहना है, “पिछले एक साल में आनलाइन भाड़ा लेने से मेरे ग्राहक बढ़े हैं.” वह आनलाइन भुगतान सिस्टम को लोकप्रिय बनाने के लिए नए ग्राहकों को 80 फीसदी डिस्काउंट देता है जबकि पुराने ग्राहकों को 20 फीसदी की छूट. गौरतलब है कि आठ नवंबर को ठीक एक साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा करते हुए 1000 और 500 रुपए के पुराने नोटों पर पाबंदी लगाने की घोषणा की थी. साथ ही लोगों को डिजिटल भुगतान के लिए प्रोत्साहित किया था. इसके बाद से देश में भी डिजिटल ट्रांजिक्शन में बढोतरी हुई है.
अलग पहचान बनाई
आमतौर पर सुशील के रिक्शे पर बैठने वाले लोग उसे पेटीएम के जरिए भाड़ा का भुगतान करते हैं. सिलीगुड़ी में उसकी एक अलग पहचान भी बन गई है. जिस दौरान नोटबंदी लागू हुई. तब उसने तुरंत अपने रिक्शे पर बैठने वालों को आनलाइन भुगतान का प्रस्ताव दे दिया. ऐसा नहीं है कि वह नकदी नहीं लेता लेकिन उसकी पहली कोशिश यही होती है कि उसके रिक्शे पर बैठने वाला ग्राहक उसे नकदी की बजाए डिजिटल तौर पर ही भुगतान करे. पिछले एक साल से वह ऐसा करने में सफल रहा है. बल्कि उसकी देखादेखी में अब कई दूसरे रिक्शावाले भी ऐसा ही कर रहे हैं.
दिल्ली में भी रिक्शों पर पेटीएम का विकल्प
देश के कई अन्य शहरों में रिक्शा चलाने वाले पेटीएम से अपने ग्राहकों से भाड़ा ले रहे हैं. ऐसा करने वाले रिक्शावाले दिल्ली जैसे शहर में भी हैं. जिनके रिक्शों के पीछे पेटीएम के स्टीकर लगे होते हैं.
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