Home राष्ट्रीय लिव-इन रिलेशनशिप ” समझदारी या बेवकूफी “?

लिव-इन रिलेशनशिप ” समझदारी या बेवकूफी “?

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जब कोई महिला व पुरुष एक दूसरे की सहमति से पति-पत्नी की तरह एक साथ एक ही जगह पे रहते है, बिना शादी के पवित्र बंधन में बंधे हुए, तब उसे लिव-इन रिलेशनशिप कहते हैं। वैसे तो लिव-इन रिलेशनशिप में लोग इसलिए रहते है, ताकि महिला व पुरुष एक दूसरे को अच्छे से जान सके और आगे चलकर वह एक अच्छी शादीशुदा ज़िंदगी जी सके, पर कई लोग इसे टाइम पास या फिर अपनी जरुरत पूरा करने का जरिया भी मानते है।

ऐसे में लिव-इन रिलेशनशिप हमेशा से भारतीय समाज में एक गलत नज़रिये से ही देखा गया हैं, इसी मतलबी कारण की वज़ह से लिव-इन में रहते वक़्त कई बार बलात्कार, मारपीट, परेशान करना, और धोका देने जैसे कई घटनाओं की बात सामने आयी हैं। पिछले कुछ सालों में जब से सर्वोच्च न्यायालय ने लिव-इन रिलेशनशिप को वैध बताया है तब से यह घटनाएं और ज्यादा बढ़ गयी है, इसके कई कारण है, जैसे कि सही से लिव-इन रिलेशनशिप के महत्व का पता ना होना, या फिर सिर्फ शारीरिक संबंध बनाने का सोचना या टाइमपास लेना, इन्हीं गंदी और घटिया मानसकिता के कारण लिव-इन रिलेशनशिप एक बुरी चीज़ हो गयी है। लोग अब डरने लगे है कि अगर लिव-इन रिलेशनशिप किया तो हमारा नुकसान होगा। पर प्यार फ़ायदा और नुकसान देख के नहीं किया जाता हैं जब तक दो दिल एक दूसरे को समझेंगे नहीं तब तक प्यार का अर्थ समझ नहीं आएगा और फिर रिश्तों में लड़ाई और मारपीट जैसी घटनाएँ सामने आएगी। 

लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के ख़ूबसूरत मायने : 

  • लिव-इन रिलेशनशिप में रह कर आप एक-दूसरे की सही और ग़लत आदतों का पता लगा सकते है, इससे आपका आने वाला जीवन काफी अच्छा हो जाता है।
  • लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले युवक व युवती को क़ानूनी तौर पे पति-पत्नी माना जायेगा, 2014 से यह प्रावधान आया है कि अगर कोई अविवाहित जोड़ा काफी लंबे समय से एक साथ पति-पत्नी की तरह रह रहे है तो वो शादीशुदा ही माने जाएंगे।
  • अगर आप लिव-इन रिलेशनशिप में रहते हो तो आप एक दूसरे के भूतकाल से जुड़े हुए अच्छी और बुरी बातें जान सकते हो, इससे आगे चलकर एक दूसरे को किसी भी तरह की कोई तकलीफ़ नहीं होगी, कम से कम कोई अतीत आपको किसी भी तरह से परेशान नहीं कर पाएगा।
  • लिव-इन रिलेशनशिप में रहते हुए आप एक दूसरे की पसंद और नापसंद को जान सकते हो, इसके साथ ही भविष्य की रणनीति भी बना सकते हैं जैसे की ख़र्चों की बातें, अच्छी नौकरी का सपना, बच्चे पैदा करने का सही समय, माँ-बाप की सुरक्षा और वो सब बातें जिससे आपका भविष्य सुरक्षित रहे।
  • लिव-इन रिलेशनशिप में रहते हुए आप वो सब ज़िम्मेदारी उठाते हो जो एक पति-पत्नी उठाते है, इससे आप अपने अंदर के गुण और अवगुण को पहचान सकते हो।
  • लिव-इन रिलेशनशिप में सबसे जरुरी होता है सही वक़्त अगर आप अपने हमसफ़र को सही वक़्त दे रहे हो पूरी ईमानदारी के साथ तो लिव-इन रिलेशनशिप 100% कामयाब होता है।

लिव-इन रिलेशनशिप में रहने से होने वाली परेशानी : 

यह वो परेशानियां है जिसमें आपका रोल काफी एहम है, अगर ईमानदारी और साफ़ दिल से आप अपने हमसफ़र का साथ दोगे तो लिव-इन रिलेशनशिप कभी नाकामयाब नहीं होगा, इसलिए कुछ परेशानियां जो हर बार लिव-इन रिलेशनशिप में आ ही जाती है जैसे कि : 

  • परिवार का साथ ना मिलना, समाज में ग़लत नज़रिया होना, छोटी-छोटी बातों पे लड़ाई कर लेना, टाइमपास करना, ग़लत और गन्दी नीयत से लिव-इन रिलेशनशिप में आना और ऐसे कई कारण है जिससे लिव-इन रिलेशनशिप में परेशानियां आ ही जाती है। 
  • परंतु इन कारण में हमारी धर्यशक्ति का एहम किरदार होता है, परिवार को समझाना हमारी ज़िम्मेदारी है क्योंकि वो हमारा परिवार है और उनको जब तक सच्च नहीं बताएंगे तब तक ऐसी परेशानियां आती रहेगी, समाज इनका रोल हमारी ज़िंदगी में बस इतना ही है ” कुछ तो लोग कहेगें, लोगो का काम है कहना, छोड़ो बेकार की बातों में, कही बीत ना जाए रहना ” इस गीत से आपको इतना समझ आ गया होगा की समाज कभी एक चीज़ पे साथ नहीं देगा क्योंकि सबकी सोच हमारी पाँच उँगलियों की तरह होती है बिल्कुल अलग। 
  • वही अगर हम बात करे लड़ाई और टाइमपास करने की, तो यह बहुत ग़लत है प्यार कभी टाइमपास नहीं होता है, प्यार का एहसास काफी ख़ूबसूरत होता हैं और जब दो अंजान लोग एक साथ होते हैं तो छोटी-छोटी लड़ाई होनी ही है, ऐसे में आपका धैर्य और समझदारी इन लड़ाईयों को खत्म कर देती है। पर लिव-इन रिलेशनशिप में सबसे बड़ी परेशानी है सही पार्टनर चुनना क्योंकि अगर उसकी नीयत गलत और गंदी है तो आपको काफी परेशानी उठानी पढ़ सकती है और ऐसे में सही पार्टनर चुने जो आपको समझे और आपका जीवन भर साथ दे। 

सही पार्टनर कैसे चुने?

  • एक अच्छा इंसान कभी आपके आँखों में आंसू नहीं लाएगा अगर गलती से आ भी गए आँसू तो वो माफ़ी जरूर माँगेगा क्योंकि सही और सच्चे इंसान को यह पता होता है कि, I AM SORRY का हमारे जीवन में कितना ज्यादा महत्व है। 
  • एक सही पार्टनर आपको शारीरिक संबंध बनाने के लिए कभी उकसाएगा नहीं क्योंकि उसको आपकी इजाज़त का महत्व पता होगा।
  • सही पार्टनर कभी भी पैसों की बात नहीं करेगा क्योंकि रिश्तों में पैसे से ज्यादा जरूरी अपने पार्टनर पे भरोसा होता है।
  • लिव-इन रिलेशनशिप में रहते हुए आपका पार्टनर अगर सही पार्टनर है तो, वो कभी अपने ज़िम्मेदारी से पीछे नहीं हटेगा जैसे कि आपको ख़ुश रखना, प्यार देना, सम्मान देना, घर के सारे कामों में साथ निभाना और रिश्तों का महत्व समझना यह सब एक सही पार्टनर के गुण है।

लिव-इन रिलेशनशिप में होने वाली घटनाएँ 

पिछले कुछ समय से ऐसी दिल-दहला देने वाली लिव-इन रिलेशनशिप से जुड़ी घटनाएँ सामने आई हैं जिसको हमें सुन के भी बुरा लगता है जैसे कि :

  • मेरठ केस जुलाई 2020 : एक महिला और उसके 10 साल के बच्चे को बेरहमी से मार दिया गया क्योंकि वो अपना धर्मं परिवर्तन और लिव-इन रिलेशनशिप नहीं चाहती थी,
  • राजस्थान चुरू केस 2020 : एक युवक को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया क्योंकि वह एक साल से महिला के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में था,
  • पुणे केस 2020 : एक 27 साल के आदमी ने 24 साल की प्रेग्नेंट लिव-इन पार्टनर को मार दिया क्योंकि उसको बच्चा नहीं चाहिए था, 
  • Delhi केस 2019: एक 42 साल के आदमी ने अपनी लिव-इन पार्टनर को जान से मार दिया मात्र कुछ पैसों के लिए,

और ऐसे ना जाने कितने केस है जो भारत में लिव-इन रिलेशनशिप में रहते हुए अंजाम दिए गए है, कुछ केस तो ऐसे है जो पुलिस स्टेशन में रजिस्टर्ड ही नहीं हुए, कौन है यह लोग, कैसी घटिया सोच है, इनकी जो अपने ही प्यार को मारने के लिए किसी भी हद तक जा सकते है, ऐसी ग़लत और घटिया मानसिकता को खत्म करने के लिए ही मेरा यह लेख आप लोग तक पहुँचाना चाहता हूँ ताकि लोग यह समझे की लिव-इन रिलेशनशिप में बुराई नहीं हैं अगर आपकी नीयत और सोच एकदम साफ़ हो। 

लिव-इन रिलेशनशिप का law 

2014 में सर्वोच्च न्यायालय ने लिव-इन रिलेशनशिप को वैध करार देते हुए इसको पूरी तरह मान्य घोषित किया था, और यह भी कहाँ था कि अगर कोई पुरूष व महिला काफी लंबे समय से साथ रहते है तो उनको शादीशुदा माना जाएगा ऐसे में पति-पत्नी दोनों को प्रॉपर्टी और शादी से जुड़े हुए हर चीज़ों पर बराबर का अधिकार होगा परंतु कोर्ट ने यह भी कहाँ है कि आपको यह साबित करना होगा कि लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के लिए आप योग्य है कि नहीं, जैसे कि :

  • दोनों साथियों की सही उम्र होनी चाहिए।
  • दोनों साथी अविवाहित होने चाहिए।
  • और दोनों को पति-पत्नी के तौर पे रहते हुए काफी समय हो गया हो, साथ ही दोनों साथियों ने मिलकर पूरी ईमानदारी से लिव-इन रिलेशनशिप निभाया हो।

यह सब अगर मान्य है तब, जाकर यह लिव-इन रिलेशनशिप को कामयाब माना जायेगा और संपत्ति पे दोनों साथियों का बराबर अधिकार होगा। 

लिव-इन रिलेशनशिप में क्या-क्या सावधान बरतनी चाहिए? 

लिव-इन रिलेशनशिप में रहते समय आपको पूरी तरह सावधानी बरतनी चाहिए जैसे कि : 

  • आपके साथी का बार-बार पैसे माँगना।
  • छोटी-छोटी बातों पे लड़ाई कर लेना। 
  • अगर आपको लगे की आपका पार्टनर आपका इस्तेमाल कर रहा है, तो जल्दी ही इस लिव-इन रिलेशनशिप से बाहर निकल जाए।
  • शारीरिक संबंध के लिए दबाव बनाना।
  • किसी भी तरह की कोई भी आपत्तिजनक तस्वीर या वीडियो शेयर ना करे। 
  • अगर आपकी उम्र कम है तो लिव-इन रिलेशनशिप में बिल्कुल भी ना जाए।
  • अगर आपको लगता है कि आप उम्र में तो बड़े है पर फिर भी उतने काबिल नहीं हैं कि लिव-इन रिलेशनशिप में रह सके तो ऐसे में सही उम्र का इंतज़ार करे।

इन सब बातों का ध्यान रखकर ही लिव-इन रिलेशनशिप में जाए क्योंकि यह दो दिलों का तो मेल होता ही साथ ही इससे आपका भविष्य और परिवार की ख़ुशी भी जुडी होती है, अगर आपको सही लिव-इन पार्टनर मिल जाता है तो ज़िंदगी काफी आसान हो जाती है। 

उम्मीद करता हूँ कि आपको लिव-इन रिलेशनशिप के मायने पता चल गए होंगे इस लेख से मैं बस इतना कहना चाहता हूँ कि अगर शादी से पहले एक दूसरे को लिव-इन रिलेशनशिप के ज़रिये जानने का सुनहरा मौका मिल रहा हैं तो यह आपकी खुशकिस्मती है क्योंकि कल को आप दोनों का भविष्य इन्हीं ख़ूबसूरत पलों से कामयाब होगा। लिव-इन रिलेशनशिप संबंध या इच्छा पूर्ति के लिए नहीं होता है यह एक दूसरे को सही तरीके से जानने का एक खूबसूरत मौका होता है, विदेशों में लिव-इन रिलेशनशिप काफी कामयाब है पर आज भी हिंदुस्तान में हम इसको एक ग़लत नज़रिये से देखते है, मैं यह नहीं कहूँगा कि आप लोग लिव-इन रिलेशनशिप में जाओ और शादी ना करो, मेरा तो बस यहीं कहना है कि लिव-इन रिलेशनशिप में अगर आपको जाना है तो पूरी ईमानदारी से सही सोच के साथ जाए क्योंकि लिव-इन शादी से पहले दिया गया वो मौका है जो अगर पहले शुरू हुआ होता तो इस देश में दहेज़ उत्पीड़न, तलाक़ और धर्म परिवर्तन जैसी घटनाएँ शायद कम होती। क्योंकि अगर आप एक दूसरे को सही वक़्त देंगे तो शायद दहेज़ और तलाक़ जैसी क्रूरता आपको सुनने को कम मिलेगी । 

 

आशा करता हूँ कि लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़े खुश हो और जो नहीं है लिव-इन में वो भी अपने जीवन में खुश हो, प्यार एक खूबसूरत एहसास है, अगर आप इसको महसूस करोगें तो ज़िंदगी के हर दुःख से दूर हो जाओगे क्योंकि मेरे नज़र में प्यार और अपने हमसफ़र को सम्मान देना सर्वोपरि है, और जो ऐसा करता है वो इंसान सच्चा होता हैं। 

 

लिव-इन रिलेशनशिप मेरी नज़र में एक समझदारी है जो शादी से पहले एक दूसरे को समझने और अच्छे से जानने की खूबसूरत पहल है, ईमानदारी से लिव-इन रिलेशनशिप निभाओगे तो समझदारी और बेईमानी करोगे तो बेवकूफी। 

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