शियाओं के भरोसे सुलझ जाएगा अयोध्या?
अयोध्या में राम मंदिर बनाने के मुद्दे पर शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से की गई पहल का नया डवलपमेंट हुआ है. शिया बोर्ड का कहना है कि हम अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के साथ एक आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट के करीब पहुंच गए हैं. जिसके तहत अयोध्या में राम मंदिर निर्माण हो जाएगा और ये सालों पुराना विवाद खत्म हो जाएगा.
इसके बारे में जो राय है वह यह है कि कहीं न कहीं ये जो कवायद चल रही है ये एक बिहाइंड द सीन, लीगल लेंडस्केप के इतर चल रही है. इसका जो कोर्ट में केस चल रहा है इसका उससे कोई लेना देना नहीं है.
शिया वक्फ बोर्ड की यह पहल चर्चित जरूर है, इसके बारे में रोज सुर्खियां बन रही हैं लेकिन शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड जो कोर्ट में केस चल रहा है उसमें पार्टी नहीं है. न ही सरकारी तौर पर कभी इस केस में एक पक्ष बन पाया. अगर आपसी समझ से जो समझौता होना है तो कहीं न कहीं जो संबंधित पार्टी हैं, जो इस केस में प्राथी पार्टी हैं उनके बीच में समझौता होगा तो ही वैधानिक होगा. जो पार्टियां इस केस से कानूनी तौर पर नहीं जुड़ी हैं उनके बीच समझौते को शायद कोर्ट अनुमति न दे. कहीं न कहीं इस कवायद के बीच ये बड़ा रोड़ा है.वसीम रिजवी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष हैं. समाजवादी पार्टी ने उनको इस बोर्ड का अध्यक्ष बनाया था. उस तरीके से देखें तो यह जानामाना संस्थान है. इसके अध्यक्ष को पूर्व सरकार ने नियुक्त किया था. जो बीजेपी का नुमाइंदा नहीं है.
इन्होंने एक पहल की है और यह पहल कहीं न कहीं माहौल को बेहतर बनाने में या सेटलमेंट की तरफ कदम बढ़ाने में एक अहम कदम है लेकिन इसकी लीगल सेंटिटी नहीं होगी. अगर यह बोर्ड संबंधित पक्षों को एक टेबल पर ला पाए तो उसकी बड़ी मान्यता होगी.
अभी श्री श्री रविशंकर भी इस कवायद में उतर चुके हैं. उन्होंने कहा कि वे भी सबसे बातकर सेटलमेंट की दिशा में प्रयास करेंगे ताकि जल्दी से जल्दी मंदिर का निर्माण हो. वसीम रिजवी, श्री श्री जो पहल कर रहे हैं वह नकारात्मकता को हटाने वाला है ताकि सेटलमेंट हो सके. लेकिन यह तभी होगा जब ये दोनों इस केस की अहम पार्टियों को एक जगह पर लेकर आएं क्योंकि ये इस केस की पार्टी नहीं हैं तो ये दोनों इस केस को हल नहीं कर सकते.
Disclaimer : इस न्यूज़ पोर्टल को बेहतर बनाने में सहायता करें और किसी खबर या अंश मे कोई गलती हो या सूचना / तथ्य में कोई कमी हो अथवा कोई कॉपीराइट आपत्ति हो तो वह jansandeshonline@gmail.com पर सूचित करें। साथ ही साथ पूरी जानकारी तथ्य के साथ दें। जिससे आलेख को सही किया जा सके या हटाया जा सके ।