‘सामना’ में उद्धव ने लिखा, अदालतें चला रही हैं सरकार
सामना के संपादकीय में उद्धव लिखते हैं कि न्याय सिंहासन पर बैठे लोग ही नेतागिरी करने लगे हैं. फेरीवालों से लेकर सड़क और बांधों की मरम्मत और स्कूल एडमिसन के मुद्दे तक सरकार को अदालतें आदेश दे रही हैं.
उद्धव लिखते हैं, न्याय सिंहासन का कहना है राष्ट्रगीत के समय कोई खड़ा नहीं हुआ तो चलेगा. लेकिन न्यायालय में ‘माय लॉर्ड’ आते हैं तब वहा उपस्थित लोगों को खड़ा होना ही चाहिए अन्यथा माय लॉर्ड का अपमान होता है. उसका क्या?
उन्होंने कहा कि अदालतें भी दबाव के तहत निर्णय लेती हैं या उनके राजनीतिक संबंध होने संबंधी आरोप लगते रहते हैं.उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार का आरोप न्याय तंत्र पर लगा है. अदालतों की अव्यवस्था पर कई पुर्व न्यायमूर्तियों ने कई बार तीखी प्रतिक्रिया दी है. लेकिन भरष्टाचार का आरोप होने के बाद भी न्यायमूर्ति कुर्सी पर बने रहते हैं और उन्हें हटाने के लिए महाभियोग चलाया जाता है. ऐसे कितने महाभियोग चलाए गए?
उन्होंने लिखा कि कई न्यायमूर्ति सेवानिवृत्त के बाद राजनीति पद को स्वीकार कर अपने घोड़े गाड़ी का इंतजाम कर लेते हैं. कोई राज्यसभा जाता है तो कोई राज्यपाल बन जाता है. इन सभी को रोकनेवाला कोई आदेश हमारा सर्वोच्च न्यायालय देनेवाला है क्या? अदालत के कंधों पर बंदूक रखकर कोई अपने शिकार को साधने की कोशिश कर रहा होगा तो देश को होनेवाला खतरा बढ़ गया.
रमाकांत, न्यूज 18 हिंदी के लिए.
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