हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक पार्टियों में जबरदस्त हलचल है. पहले 1 अक्टूबर को होने वाले चुनाव की तारीख अब बदलकर 5 अक्टूबर कर दी गई है. चुनाव आयोग ने तारीख बदलने का कारण त्योहार बताया. इस फैसले को लेकर सत्ताधारी बीजेपी पर विपक्षी पार्टियाँ लगातार हमलावर हैं.
चुनाव आयोग ने बदली चुनाव की तारीख
हरियाणा चुनाव आयोग ने 1 अक्टूबर को होने वाले चुनाव की तारीख बदलकर 5 अक्टूबर कर दी है. इसके साथ ही मतगणना की तारीख भी बदलकर 4 अक्टूबर से 8 अक्टूबर कर दी गई है. चुनाव आयोग ने यह फैसला आगामी त्योहारों को देखते हुए लिया है. आयोग का कहना है कि बिश्नोई समुदाय अपने गुरु जम्बेश्वर की याद में आसोज अमावस्या का त्योहार मनाता है, जो इस बार 2 अक्टूबर को है. इस त्योहार के लिए हज़ारों बिश्नोई परिवार सिरसा, फतेहाबाद और हिसार से राजस्थान की यात्रा करते हैं. इस कारण 1 अक्टूबर को होने वाले चुनाव में कई बिश्नोई मतदाता अपना वोट नहीं डाल पाएँगे.
चुनाव आयोग के फैसले को लेकर विवाद
चुनाव आयोग के फैसले के बाद विपक्ष ने बीजेपी पर तारीख बदलने का दबाव बनाने का आरोप लगाया. विपक्ष का कहना है कि बीजेपी अपनी संभावित हार से डर रही है, इसलिए उसने चुनाव आयोग पर दबाव बनाकर चुनाव की तारीख बदलवाई है. विपक्ष के इस आरोप का बीजेपी ने जोरदार खंडन किया है. बीजेपी का कहना है कि उसने सिर्फ मतदान के प्रतिशत को बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग से तारीख बदलने का अनुरोध किया था.
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दिया विपक्ष के आरोपों का जवाब
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस ने कभी भी लोकतंत्र में विश्वास नहीं किया. सीएम ने कांग्रेस पर लोकतंत्र का अपमान करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि लोग कम से कम संख्या में वोट दें.
मुख्यमंत्री के तर्क
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 29 सितंबर को संडे है और 1 अक्टूबर को चुनाव है, इसलिए लोगों को दो दिन की छुट्टी मिलेगी. इसके अलावा 2 अक्टूबर को गांधी जयंती की छुट्टी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग छुट्टियों का फायदा उठाकर अपने शहर से बाहर जा सकते हैं और अगर ऐसा हुआ तो मतदान का प्रतिशत कम होगा. सीएम ने कहा कि चुनाव आयोग के अध्यक्ष को इस बात की चिंता थी कि लोग छुट्टियों का फायदा उठाकर अपने घरों से बाहर जा सकते हैं.
बीजेपी-INLD ने भी की थी तारीख बदलने की मांग
बीजेपी और इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी) ने भी चुनाव आयोग से तारीख बदलने की मांग की थी. दोनों दलों ने लिखित रूप से अनुरोध करते हुए कहा था कि चुनाव की तारीख (1 अक्टूबर) को आगे बढ़ाया जाए क्योंकि यह तारीख सप्ताहांत, सार्वजनिक छुट्टियों और धार्मिक त्योहारों से टकरा रही है.
विपक्ष ने किया चुनाव की तारीख बदलने का विरोध
कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी (JJP) और आम आदमी पार्टी (AAP) ने चुनाव की तारीख बदलने का विरोध किया था. इन दलों का कहना था कि बीजेपी अपनी संभावित हार से डर रही है, इसलिए तारीख बदलने की मांग कर रही है.
हरियाणा विधानसभा चुनाव: मुख्य बातें
- हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों के लिए एक ही चरण में मतदान होगा.
- चुनाव आयोग ने पहले हरियाणा के लिए 1 अक्टूबर को मतदान कराने की घोषणा की थी.
- नतीजे 4 अक्टूबर को आने थे.
- हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 को समाप्त होने वाला है.
- पिछला विधानसभा चुनाव अक्टूबर 2019 में हुआ था.
- चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी के गठबंधन ने राज्य सरकार बनाई और मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री बने.
- हालांकि बाद में समीकरण बदले तो पार्टी ने नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया.
मुख्य Takeaways:
- हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख 5 अक्टूबर कर दी गई है.
- चुनाव आयोग ने तारीख बदलने का कारण त्योहार बताया.
- विपक्ष ने बीजेपी पर तारीख बदलने का दबाव बनाने का आरोप लगाया.
- बीजेपी ने विपक्ष के आरोपों का खंडन किया.
- मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी लोकतंत्र में विश्वास नहीं किया.
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