हवा की गुणवत्ता में सुधार के बाद ईपीसीए ने ‘इमरजेंसी’ उपाय हटाए
प्रदूषण स्तरों में इजाफा के बाद इसके आपात श्रेणी में पहुंचने और धुंध की मोटी परत छाने के कारण स्तरीय प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के तहत आठ नवंबर से यह उपाय लागू किये गये थे.
ईपीसीए के अध्यक्ष भूरे लाल ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब एवं हरियाणा के मुख्य सचिवों को आज सुबह लिखे पत्र में उन्हें निर्देश दिया कि चूंकि हवा की मौजूदा गुणवत्ता को देखते हुए ऐसी सख्त कार्रवाई आवश्यक नहीं है. इसलिए इन उपायों को ‘‘तत्काल प्रभाव’’ से हटाया जाये.
ईपीसीए ने कहा कि जीआरएपी की ‘गंभीर’ श्रेणी के तहत लागू इन उपायों के तहत बदरपुर ताप बिजली संयंत्र को बंद करने, ईंट-भट्ठों पर प्रतिबंध, गर्म मिश्रित संयंत्र और स्टोन क्रशर्स पर प्रतिबंध बने रहेंगे.इसने कहा, ‘‘हमलोग स्थिति पर बहुत सावधानी से नजर रख रहे हैं और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग एवं भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान ने हमें सूचना उपलब्ध करायी है कि हवा में नमी बढ़ने के कारण आगामी दिनों में प्रदूषण में फिर से इजाफा हो सकता है.’’ भूरे लाल ने लिखा, ‘‘हालांकि अगर स्थिति में ऐसे ही लगातार सुधार होता रहा और हवा की गुणवत्ता स्थिर बनी रही तो हम ‘गंभीर’ श्रेणी के तहत उन उपायों की समीक्षा करेंगे और इसके मुताबिक आपको सूचित करेंगे.’’
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