तेलंगाना में भाजपा के सत्ता में आने का भरोसा जताते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को कहा कि तेलंगाना में पांच महीने में रामराज्य आएगा। तेलंगाना भाजपा प्रमुख बंदी संजय द्वारा यहां रविवार को आयोजित हिंदू एकता यात्रा को संबोधित करते हुए सरमा ने कहा कि तेलंगाना में जल्द ही ‘रजाकारों’ का शासन खत्म होगा और राम का शासन आएगा। रजाकारों को उन स्वयंसेवकों के रूप में संदर्भित किया जाता है, जिन्होंने हैदराबाद राज्य के भारत में विलय का विरोध किया था।
असम के सीएम ने आरोप लगाया कि केसीआर सरकार के नेतृत्व वाली तेलंगाना सरकार ने 9 साल केवल सत्ताधारी परिवार और अल्पसंख्यकों को खुश करने में लगा दिए। उन्होंने टिप्पणी की कि तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने भले ही नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) कर दिया हो, लेकिन तेलंगाना के लोग यह सुनिश्चित करेंगे कि नवंबर में चुनाव होने पर वे वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) ले लें। सरमा ने दिल्ली शराब घोटाले में उसके नेताओं की कथित संलिप्तता को लेकर बीआरएस पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी और बीआरएस ने मिलकर जनता का पैसा हड़प लिया है।
सरमा और बंदी संजय दोनों ने अपने भाषणों में बार-बार ‘रजाकार’, ‘पाकिस्तान’, ‘ओवैसी’ शब्दों का इस्तेमाल किया और दावा किया कि एकता यात्रा का उद्देश्य बीआरएस और ऑल इंडिया मजलिस की मिलीभगत से हिंदुओं के साथ हुए अन्याय को उजागर करना था। सरमा ने आरोप लगाया कि कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी की जीत के बाद पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों और एक समुदाय के सदस्यों ने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए। यह कहते हुए कि भाजपा हिंदुत्व की रक्षक है, उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक के लोग अपनी हार के लिए बुरा महसूस कर रहे हैं।
इससे पहले संवाददाताओं से बात करते हुए असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने बड़े-बड़े दावे करते हुए सिर्फ एक राज्य जीता है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने कई राज्यों में जीत हासिल की, लेकिन उसने कभी अति प्रतिक्रिया नहीं दी। यात्रा में उन्होंने कहा कि असम में उनकी सरकार लव जिहाद को रोकने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा, हम असम में मदरसों को बंद करने की दिशा में भी काम कर रहे हैं। मेरे मुख्यमंत्री बनने के बाद मैंने असम में 600 मदरसों को बंद कर दिया। मैं इस साल 300 और मदरसों को बंद कर दूंगा।
सरमा ने कहा कि वह बहुविवाह खत्म करने और समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए भी काम कर रहे हैं। उन्होंने टिप्पणी की कि असम में ऐसे उदाहरण थे जहां हिंदू लड़कियों को इस तरह से फुसलाया गया जैसा कि फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ में दिखाया गया है। सरमा और बंदी संजय दोनों ने लोगों से ‘लव जिहाद’ को समझने के लिए फिल्म देखने की अपील की। संजय ने ‘द केरला स्टोरी’ की पूरी टीम को हिंदू एकता यात्रा पर बुलाया था। फिल्म के निर्देशक सुदीप्तो सेन ने ट्वीट किया कि वे स्वास्थ्य संबंधी किसी आपात स्थिति के कारण कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके।
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