नई दिल्ली। अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में सोनिया गांधी और कांग्रेस के अध्यक्ष शामिल नहीं होंगे। समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के मुताबिक, कांगे्रस ने कहा-चुनावी फायदे के लिए ये भाजपा और आरएसएस का इवेंट है…! पार्टी ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस ने उद्घाटन को वोट हासिल करने के लिए एक राजनीतिक इंवेट में बदल दिया है। कांग्रेस ने सम्मानपूर्वक न्यौता अस्वीकार कर दिया है।
“पिछले महीने, कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता श्री मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी और लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता श्री अधीर रंजन चैधरी को इसमें भाग लेने के लिए निमंत्रण मिला था। पार्टी ने एक बयान में कहा, “अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन समारोह 22 जनवरी, 2024 को होगा।”
बता दें, इससे पहले समाजवादी पार्टी के अध्घ्यक्ष अखिलेश यादव रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार्य कर चुके हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट की ओर से कई विपक्षी नेताओं को अयोध्घ्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण भेजा गया था। सीपीएम और शिवसेना (यूबीटी) पार्टी पहले ही इस समारोह से किनारा कर चुके हैं। कांग्रेस के महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा का यह स्पष्ट रूप से आरएसएस/भाजपा का कार्यक्रम है, इसलिए पार्टी नेताओं ने इस समारोह में नहीं जाने का फैसला किया है।
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