India Alliance: इंडिया गठबंधन (India Alliance)की गांठ खुलती नजर आ रहीं हैं। सीट बटवारे को लेकर दलों के मध्य आपसी सहमति नहीं बन पा रही है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस की बीच आपसी बयानबाजी जारी है। ममता ने बीते दिन घोषणा की वह चुनावी मैदान में अकेले ही ताल ठोकेंगी। उनके बयाना से साफ है उन्होंने अपना रास्ता इण्डिया गठबंधन (India Alliance) से अलग बना लिया है। ममता के बयाना के साथ गठबंधन एकता टूट गई और विपक्ष बीजेपी के सम्मुख पुनः धराशायी हो गया। क्योंकि बीजेपी को यह भली भांति मालूम था की विपक्ष की एकता केंद्र की सत्ताहिला सकती है। लेकिन यदि एकता में सेंध लग गई तो एनडीए को चुनावी मैदान में जीत का स्वाद चखने से कोई नहीं रोक सकता। तो आइये जानते हैं क्यों टूटा विपक्षी गठबंधन –
क्या बोलीं ममता बनर्जी:
ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में अकेले सभी लोकसभा सींटो पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। ममता का दावा है – उनकी पार्टी बंगाल में अच्छी स्थिति में है। वह कांग्रेस को अधिक सीट देकर बीजेपी के लिए जीत के द्वार नहीं खोल सकतीं। हमारा संकल्प एकजुटता और एक नीति के साथ बीजेपी को हराना था। कांग्रेस को लोग पश्चिम बंगाल में रैली कर रहे हैं। मुझे इस विषय में बताया तक नहीं गया। जबकि गठबंधन और एकता की नजर से यह मुझे मालूम होना चाहिए था। वाममोर्चा इण्डिया गठबंधन (India Alliance) को अपने नीति-नियम के अनुकूल चलाना चाहता है। यह संभव नहीं है, हम पश्चिम बंगाल में 42 सभी लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं।
जानकारी के लिए बता दें वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव (Loksabha election) में टीएमसी ने 22 और भाजपा ने 18 सीटें जीती थी। बाकी की 2 सींटो पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। पुरानी स्थिति के अनुकूल आकलन करें तो कांग्रेस को अपना हठ त्याग दीदी की सहमति पर चुनावी मैदान में उतरना चाहिए। क्योंकि दीदी की वर्तमान में पश्चिम बंगाल में सरकार है और जनता के बीच उनकी लोकप्रियता भी बढ़ रही है। अब ऐसे में यदि कांग्रेस वास्तव में गठबंधन को जीवित रखना चाहती है तो उसे दीदी के साथ पुनः बात कर स्थिति को काबू में रखने का प्रयास करना चाहिए। अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब विपक्ष राजनीति से विलुप्त हो जाएगा।
क्या बोली कांग्रेस:
कांग्रेस ने स्थिति संभालने की जगह ममता बनर्जी के बयाना पर पलटवार करते हुए उनको मौका परस्त करार दिया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी को मौका परस्त बताते हुए कहा- उनकी पार्टी बिना किसी की सहायता के सभी सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। हमें ममता की मदद की आवश्यकता नहीं। उनको भूलना नहीं चाहिए वह किसकी मदद से सत्ता में आईं थीं। कांग्रेस में अपने बूते चुनाव लड़ने की कला है। हम यह कर लेंगे। हालांकि अभी कांग्रेस के आलाकमान की तरफ से कोई बयाना नहीं आया है। राहुल ने अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कहा- पार्टी के नेता कभी-कभी कुछ भी बोलते हैं। उनके बयानों के कोई मायने नहीं हैं। ममता से हमारी घनिष्ठता है। नीतीश और ममता हमारी इस यात्रा का हिस्सा होंगे।
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