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Interview: ‘हेलिकॉप्टर से बारिश करवाकर कितना प्रदूषण कम होगा?’

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Interview: ‘हेलिकॉप्टर से बारिश करवाकर कितना प्रदूषण कम होगा?’

 

 

राजधानी में प्रदूषण से मचे हाहाकार से दिल्‍ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित भी परेशान हैं. पूर्व  मुख्यमंत्री दीक्षित ने केजरीवाल सरकार के प्रदूषण से निपटने के तरीकों को महज दिखावा बताया है.

न्यूज 18 से विशेष बातचीत में शीला दीक्षित ने कहा कि अरविंद केजरीवाल प्रदूषण से निपटने के लिए सिर्फ ऑड-ईवन फॉर्मूला अपनाने पर जोर देते रहते हैं. जबकि ऑड-ईवन सिर्फ दिखावा है. यह प्रदूषण को खत्‍म करने का समाधान नहीं है.

स्‍मॉग से घिरी दिल्‍ली में राज्‍य सरकार द्वारा हेलीकॉप्‍टर से बारिश कराने की संभावनाओं पर दीक्षित ने कहा कि दिल्‍ली में पानी की वैसे ही शॉर्टेज है. ऊपर से केजरीवाल हेलीकॉप्‍टर से बारिश करवाने की सोच रहे हैं. क्‍या ये संभव है? अगर ये किया भी जाता है तो इससे कितने दिन तक प्रदूषण से निजात मिलेगी?

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दिल्‍ली में भारी प्रदूषण पर पूर्व मुख्‍यमंत्री शीला दीक्षित ने दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं.

शीला ने मनीष सिसोदिया द्वारा स्‍कूलों को बंद करने की भी आलोचना की. उन्‍होंने कहा कि जब वो मुख्‍यमंत्री थीं तो सबसे ज्‍यादा निर्माण कार्य हुए, लेकिन न तो इतना प्रदूषण हुआ और न ही कभी स्‍कूलों को बंद करने की जरूरत पड़ी, जैसे कि आज किए जा रहे हैं.

शीला दीक्षित ने केजरीवाल के विभिन्‍न राज्‍यों के विधानसभा चुनावों में ध्‍यान लगाने पर भी तंज कसा. उन्‍होंने कहा कि केजरीवाल का दिल्‍ली के पर्यावरण प्रदूषण और इन समस्‍याओं पर फोकस नहीं है. पता नहीं प्रशासनिक स्‍तर पर क्‍या चल रहा है. अरविंद पहले दिल्‍ली को उदाहरण बनाएं, तब तो कहीं और जाकर सफल होंगे.

अपने समय का हवाला देते हुए उन्‍होंने बताया कि उनकी सरकार प्रदूषण से जंग लड़ने के लिए सीएनजी लाई. दिल्‍ली की सड़कों से डीजल की पुरानी गाडि़यां हटाई. हरियाली बढ़ाई, सबसे खास चीज जो उन्‍होंने कि वह थी प्रदूषण से जंग लड़ने के लिए बनाई गई एक्‍सपर्ट कमेटी. उनकी सरकार में सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की सुनीता नारायण, अनिल अग्रवाल और अन्‍य विशेषज्ञों को लेकर कमेटी बिठाई. जो पूरे कार्यकाल साथ रही. इनसे सलाह लेकर ही दिल्‍ली सरकार ने पर्यावरण की दिशा में काम किए. इनके सुझावों को लागू किया. सर्दियों में अलाव जलाने पर भी पाबंदी लगा दी थी.

पूर्व मुख्‍यमंत्री कहती हैं कि इस सरकार ने पर्यावरण को लेकर न तो लोगों को शिक्षित किया है न ही कोई जानकारी दी है. इस सरकार के पास भी कोई रोडमैप नहीं है कि कैसे प्रदूषण को नियंत्रण में किया जाए. जरूरी है कि ये करो, वो करो के बजाय अरविंद केजरीवाल एक विशेषज्ञों की टीम बनाएं, उनसे सलाह लें और दिल्‍ली से प्रदूषण दूर करने के लिए कदम बढ़ाएं.

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