Kim Jong Un News: उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने महत्वपूर्ण कोरियाई युद्ध वर्षगांठ समारोह से पहले गुरुवार (27 जुलाई) को प्योंगयांग में रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और एक उच्च रैंकिंग चीनी प्रतिनिधिमंडल की मेजबानी की. यह पहली बार है कि किम ने कोविड महामारी की शुरुआत के बाद से विदेशी मेहमानों का स्वागत किया है.
उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने बताया कि किम और शोइगु की मुलाकात बुधवार को राजधानी प्योंगयांग में हुई. इस दौरान दोनों नेताओं ने ‘राष्ट्रीय रक्षा तथा क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के माहौल को लेकर आपसी चिंता के मामलों’ पर सहमति व्यक्त की. हालांकि, रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि दोनों ने क्या चर्चा की.
केसीएनए ने यह भी बताया कि किम शोइगु को एक हथियार प्रदर्शनी में भी ले गए, जहां उत्तर कोरिया के कुछ नए हथियारों को रखा गया था. किम ने शोइगु को देश की सैन्य क्षमताओं का विस्तार करने की राष्ट्रीय योजनाओं के बारे में जानकारी दी.
रूस के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बुधवार को शोइगु ने उत्तर कोरिया के रक्षा मंत्री कांग सुन नाम के साथ भी बातचीत की, जिसका उद्देश्य ‘दोनों देशों के रक्षा विभागों के बीच सहयोग को मजबूत करना’ था.
चीनी प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात
किम जोंग उन ने पोलित ब्यूरो सदस्य ली होंगज़ोंग के नेतृत्व वाले एक चीनी प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात की.
ली ने किम को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का एक निजी पत्र भेंट किया. किम ने कोरियाई युद्ध के दौरान चीन के ऐतिहासिक समर्थन के लिए गहरा आभार व्यक्त किया और युद्ध में जीत हासिल करने में चीनी पीपुल्स वालंटियर्स की भूमिका पर प्रकाश डाला. दोनों देशों ने अपनी दोस्ती और एकजुटता को मजबूत करने की कसम खाई.
बता दें प्योंगयांग कोरियाई वॉर के युद्धविराम पर हस्ताक्षर की 70वीं वर्षगांठ मना रहा है, जिसे उत्तर कोरिया में विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस अवसर को ‘भव्य प्रदर्शनी’ का आयोजन किया गया है.
सैन्य परेड की तैयारी
सैटेलाइट इमेजरी से संकेत मिलता है कि उत्तर कोरिया सालगिरह के लिए प्योंगयांग में किम इल सुंग स्क्वायर पर बड़े पैमाने पर सैन्य परेड की तैयारी कर रहा है. इस कार्यक्रम में संभवतः देश की सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया जाएगा.
उत्तर कोरिया द्वारा समारोह में विदेशी मेहमानों को शामिल करना सीमा नियंत्रण लागू करने में नए लचीलेपन का प्रतीक है. उत्तर कोरिया ने 2020 की शुरुआत से ही COVID-19 से बचाव के लिए सख्त पाबंदियां लगा दी थी, यहां तक कि अपने नागरिकों को भी देश में प्रवेश करने से रोक दिया था.
ऐसे में विदेशी प्रतिनिधिमंडलों की उपस्थिति इन उपायों में कुछ ढील का संकेत देती है.
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