VIDEO: बाल दिवस 14 नवंबर को ही क्यों ?
दुनिया में बाल दिवस की शुरुआत हुई कैसे?
विश्व में पहली बार बाल दिवस की शुरुआत जून 1856 में इंग्लैंड के चेल्सी में हुई. वहां एक चर्च में बच्चों के लिए एक स्पेशल दिन रखा गया था जिसे रोज़ डे भी कहा गया. इस दिन सभी प्रवचन, हिदायतें और कहानियां बच्चों से जुडी हुआ करती थीं. यह प्रथा उन्नीसवीं शताब्दी के अंत और बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ तक काफी मशहूर हुई.
इसके बाद ज़्यादातर देशों ने अपनी सुविधा अनुसार बाल दिवस मानना शुरू किया और चुने गए दिनों में बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना शुरू किया. 1950 में विमेंस इंटरनेशनल फेडरेशन ने 1 जून को विश्व में बाल दिवस मनाना तय किया. इसका कारण यह था कि 1 जून विश्व में प्रोटेक्शन ऑफ़ चिल्ड्रन डे पहले से मनाया जा रहा था.1954 में संयुक्त राष्ट्र ने बच्चों के अधिकारों की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए 20 नवम्बर को बाल दिवस घोषित किया. भारत ने और ज़्यादातर देशों ने संयुक्त राष्ट्र से सहमति जताते हुए 20 नवम्बर को बाल दिवस घोषित किया. 1954 से लेकर 1964 तक 20 नवम्बर ही भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया गया.
1964 में पं. जवाहरलाल नेहरू के देहांत हुआ. तभी भारत ने बाल दिवस की तारीख बदल ली और नेहरू का जन्म दिवस बाल दिवस बन गया. बच्चों के प्रति नेहरू के प्रेम को देखते हुए उनकी जन्मतिथि को बाल दिवस के रूप में अपनाया गया.
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