राजनीति– राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा अंतिम पड़ाव में पहुंच गई है। यात्रा उत्तर भारत मे जब प्रवेश करती है तो यह बात सुर्खियों में थी कि वरुण गांधी कांग्रेस में पुनः शामिल हो सकते हैं।
हालाकि राहुल ने यह साफ कर दिया है कि वरुण की राजनीतिक विचारधारा अलग है। हम साथ बैठ सकते हैं बात कर सकते हैं। लेकिन हम साथ आ सकते हैं यह नहीं कहा जा सकता।
इन सभी बयानों के बाद हर कोई यह जानने का आतुर हो गया। कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि एक ही आंगन में जन्मे इंदिरा गांधी के दोनो पोते अलग हो गए और वरुण गांधी अपनी ही पार्टी के प्रतिद्वंद्वी बन गए।
हालाकि इस समय वरुण गांधी अपनी ही सरकार की नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं। जो यह साफ कर रहा है कि 2024 में वह बीजेपी को अलविदा कह सकते हैं।
जानें क्यों अलग हुए राहुल और वरुण-
19 जून 1970 को राहुल गांधी का जन्म हुआ। 13 मार्च 1980 को वरुण गांधी का जन्म हुआ। राहुल गांधी वरुण गांधी से 10 साल बड़े हैं। राहुल गांधी इंदिरा गांधी के बड़े बेटे राजीव गांधी के पुत्र और वरुण गांधी संजय गांधी के पुत्र हैं। दोनों का राजनीति करने का तरीका अलग है और दोनों की विचारधारा भी भिन्न है।
जहां राहुल गांधी सियासी ताना बाना बुन कर जनता के बीच स्वयं को स्थापित करना चाहते हैं। वहीं वरुण गांधी अपनी कलम और अपनी प्रखर आवाज के बलबूते पर लोगों की आवाज उठाते दिखाई देते हैं। वरुण गांधी सत्ता अभिलाषी तो नहीं लगते हैं। क्योंकि वह सदैव सत्ताधारी सरकार से सवाल पूँछगे रहते हैं।
लेकिन राहुल और वरुण बचपन मे ही अलग हो गए थे और वरुण गांधी को उनकी मां ने अकेले अपने लाड़ प्यार से बड़ा किया। वरुण गांधी के पिता संजय गांधी के निधन के बाद इंदिरा गांधी और मेनका गांधी के मध्य मतभेद शुरू हो गए थे।
उन्होंने 2 साल के वरुण को साथ लेकर इंदिरा गांधी का आवास छोड़ दिया। जब वरुण 4 वर्ष के हुए तो उनकी दादी की हत्या कर दी गई। दादी की मौत के बाद से वरुण गांधी का सम्बंध गांधी परिवार से टूट गया और वरुण गांधी और राहुल गांधी अलग हो गए।
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