Ram Mandir Ayodhya: मध्य प्रदेश में चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है। वैसे -वैसे जाति- धर्म के नाम पर नेताओं के बयाना तीव्रता से आने प्रारम्भ हो गए हैं। बीते दिन पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सिंह ने बाबरी को लेकर बयाना दिया और उनके बयाना को आड़े हाथ लेते हुए AIMIM प्रमुख असुद्दीन ओवैसी उनपर भड़क उठे। उन्होंने कांग्रेस के सेकुलेरिज्म के चोले पर सवाल उठाए और मोदी-राहुल की जोड़ी राम- श्याम की जोड़ी बता डाली। ओवैसी के बयाना ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। क्योंकि ओवैसी का बयाना यह इंगित कर रहा है कि कांग्रेस प्रत्यक्ष न सही लेकिन हिंदुत्व के पक्ष में सदैव खड़ी रही है।
क्या बोले ओवैसी:
बाबरी मस्जिद को गिरवाने में जितनी अहम भूमिका बीजेपी और आरएसएस की थी। उतनी ही भूमिका कांग्रेस की रही। कमलनाथ का बयाना बता रहा है कि बाबरी विध्वंस में कांग्रेस भी जिम्मेदार रही है। उन्होंने आरोप लगाए कि रात में चोरों की तरह IDOL रखे गए थे। उस समय किसकी सरकार थी। जब मंदिर में पूजा की अनुमति दी गई तब किसकी सरकार थी। मंदिर के ताले खुलवाए गए तब किसकी सरकार थी। बाबरी के विध्वंस में बीजेपी नहीं कांग्रेस भी शामिल है। कांग्रेस से मेरा सवाल है जब आप बीजेपी की भांति हिंदुत्व की राह पर चलते हैं तो आपने SECULARISM का चोला क्यों पहन रखा है। आखिर इसकी जरूरत क्या है।
क्या था कमलनाथ का बयाना:
बता दें कमलनाथ लगातार एमपी चुनाव के लिए प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। कमलनाथ ने हिन्दू वोट बैंक को अपने खेमे में करने के लिए राम मंदिर के संदर्भ में बयाना दिया था। उन्होंने कहा- राम मंदिर का ताला राजीव गांधी ने खुलवाया था। हमें इतिहास को कभी नहीं भूलना चाहिए। राम मंदिर किसी पार्टी विशेष का नहीं है। राम मंदिर भारत के नागरिकों का है। भारत का है। बीजेपी राम मंदिर का श्रेय नहीं ले सकती है।
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