आध्यात्मिक- स्त्री और पुरुष में कोई भी सर्वगुण सम्पन्न नहीं हो सकता। प्रत्येक जीव में कोई न कोई अवगुण जरूर होता है। लेकिन आचार्य चाणक्य(Acharya Chanakya) के मुताबिक स्त्रियों में कुछ अवगुण ऐसे होते हैं जो उसे बेहद बुरा बनाते हैं। अगर स्त्रियों में यह अवगुण नहीं हैं तो स्त्री सोने के समान होती है लेकिन अगर स्त्री इन गुणों से परिपूर्ण है तो वह किसी का हित नहीं कर सकती।
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