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इतिहास में क्यों मोटे अक्षरों में दर्ज है 14 जून की तारीख, एक नहीं कई विशेष कारण

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डेस्क। इतिहास के पन्नो में 14 जून की तारीख कई महान व्यक्तियों के जन्मदिन के तौर पर बोल्ड अक्षरों में लिखी गई है। जिनमें सिनेमा से लेकर खेल, संगीत से लेकर राजनीति के कई धुरंधर शामिल हैं। केवल भारत ही नहीं दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में कई अलग कारणों से यह तारीख बेहद विशेष हो जाती है।

भारत की बात करें तो इनमें भारतीय सिनेमा को मुगल-ए-आजम जैसी फिल्म देने वाले के. आसिफ, टेनिस में अपनी एक खास बनाने वाली जर्मनी की स्टेफी ग्राफ, शास्त्रीय संगीत की महान फनकार हीराबाई बारोदकर का नाम शामिल हैं।

राजनीतिक धुरंधरों की बात करें तो अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का जन्म भी 14 जून को ही हुआ था और अर्जेंटीना के क्रांतिकारी नेता जिनको भरत समेत कई देशों में विशेष सम्मान से देखा जाता है- चेग्वेरा का जन्मदिन भी 14 जून ही का था। आइये इस दिन के बारे में और जानते हैं-

1658 : इसी दिन ड्यून्स के युद्ध में ब्रिटिश और फ्रांसीसी सेना ने स्पेन को हराया।

1777 : अमेरिकी कांग्रेस ने एक बैठक में देश के लिए 13 लाल और सफेद धारियों वाले नये झंडे का स्वरूप निर्धारित किया गया था।

1885 से इस दिन को अमेरिका में झंडा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। 

14 जून 1905 में ही प्रसिद्ध संगीत साधिका हीराबाई बारोदकर का जन्म हुआ था।

1907: आज ही दिन नॉर्वे में महिलाओं को मतदान का अधिकार मिला था।

1922 : फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ के निर्देशक के आसिफ का जन्म भी इसी दिन हुआ था।

1934: ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में हिटलर और मसोलिनी की मुलाकात 14 जून को ही हुई थी।

1928: अर्जेंटीना के महान क्रांतिकारी नेता चेग्वेरा का जन्म का जन्म हुआ।

1945 : वायसराय लार्ड वावेल ने भारत के शीर्ष राजनीतिक नेताओं से मिलने की इच्छा जाहिर की थी। और जेलों में कैद नेताओ को रिहा कर दिया गया था।

1946 : अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का जन्मदिन भी इसी दिन होता है।

1969: जर्मनी की टेनिस स्टार स्टेफी ग्राफ का जन्म भी इसी दिन हुआ था। 

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