देहरादून । उत्तराखंड पुलिस केदारनाथ त्रासदी क्षेत्र से मिल रहे नर कंकालों के वारिस खोजने का प्रयास किया है। पुलिस ने उन सभी 3380 लोगों को पत्र लिखकर डीएनए टेस्ट कराने को कहा है जिन्होंने अपने परिजनों की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। दरअसल, पुलिस को अबतक 700 के करीब नर कंकाल मिले हैं। इसी नर कंकालों की पहचान के लिए पुलिस ने यह अभियान चलाया है। उत्तराखंड पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अबतक मिले सभी नर कंकालों का डीएनए टेस्ट कराने के बाद उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
जून-2013 में केदारनाथ में आए जल प्रलय से हजारों लोग काल के ग्रास बन गए थे। सरकार ने त्रासदी के बाद वहां से मिले शवों को बरामद कर उनका डीएनए टेस्ट कराया था, ताकि उनके परिजनों से मैचिंग कराई जा सके। कुछ दिन बाद देशभर से लगभग 3380 लोगों ने अपने परिजनों की गुमशुदगी दर्ज कराई थी।
इसके बाद समय-समय पर त्रासदी क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चलाए गए, जिनमें 677 नर कंकाल और शव बरामद हुए थे। इन सभी का डीएनए टेस्ट कराया गया लेकिन इनमें से कुछ के ही परिजनों से डीएनए मैच हो पाया है। इस पर पिछले साल दिसंबर में हाईकोर्ट ने भी फिर से सर्च ऑपरेशन चलाने के आदेश दिए।
हाईकोर्ट के आदेशों के बाद इसी माह पांच आईपीएस के नेतृत्व में टीमें गठित कर ऑपरेशन शुरू किया गया। इस बार भी 21 कंकाल बरामद हुए और उनका डीएनए सैंपल लेकर अंतिम संस्कार कर दिया गया। ऐसे में अब तक लगभग 700 कंकाल और शव त्रासदी क्षेत्र से बरामद हो चुके हैं। इनके वारिस तलाशने के लिए पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कराने वाले परिजनों को पत्र लिखकर डीएनए टेस्ट कराने का आग्रह किया है। अब देखने वाली बात यह है कि आखिर पुलिस का यह प्रयास सफल हो पाएगा या नहीं।
गुमशुदगी दजज़् कराने वाले सभी लोगों को पत्र लिखी गई हैं। ताकि, कंकाल और अब मिले शवों की पहचान का प्रयास किया जा सके। इन सभी के पहले हैदराबाद में डीएनए टेस्ट कराए गए थे। अब टेस्ट उत्तराखंड की फोरेंसिक लैब में भी कराए जा सकते हैं।
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