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आंध्र प्रदेश: भारी बारिश का खतरा, सावधानी बरतें

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आंध्र प्रदेश: भारी बारिश का खतरा, सावधानी बरतें
आंध्र प्रदेश: भारी बारिश का खतरा, सावधानी बरतें

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 19 अक्टूबर (शनिवार) को जारी अपने बुलेटिन में बताया कि इस सप्ताह के शुरू में रायलसीमा और दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश में बहुत भारी बारिश का कारण बनी अवसाद कमजोर होते ही बंगाल की खाड़ी में एक और निम्न दबाव का क्षेत्र बनना शुरू हो गया है। यह एक चिंताजनक स्थिति है, खासकर पिछले अवसाद से प्रभावित क्षेत्रों के लिए जहाँ हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण पहले से ही बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई थी। लगातार मौसम प्रणालियों के बनने से आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है और कृषि पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ सकता है। IMD की भविष्यवाणियों पर नज़र रखना और सतर्कता बरतना अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि समय पर उचित कदम उठाए जा सकें और जान-माल की क्षति को कम किया जा सके। इसके अलावा, मौसम संबंधी परिवर्तनों के प्रति जन-जागरूकता भी बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि लोग ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए तैयार रह सकें।

आंध्र प्रदेश में नया निम्न दबाव क्षेत्र

IMD के अनुसार, मध्य अंडमान सागर के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। इसके प्रभाव में, 21 अक्टूबर को पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी और आसपास के उत्तरी अंडमान सागर पर एक निम्न दबाव क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके बाद, यह 23 अक्टूबर के आसपास उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और एक अवसाद में तीव्र होने की संभावना है। यह नया निम्न दबाव क्षेत्र पहले ही हुई भारी बारिश से पहले से प्रभावित आंध्र प्रदेश के लिए एक और चुनौती पेश करता है। इसकी तीव्रता और आगे की गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखना अत्यंत आवश्यक है।

नए निम्न दबाव क्षेत्र के प्रभाव

इस नए मौसम प्रणाली के प्रभाव में, 24 से 26 अक्टूबर के बीच उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश (NCAP) के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद है। NCAP, दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश और रायलसीमा के तीनों क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की भी संभावना है। इससे पहले ही बाढ़ की स्थिति झेल रहे क्षेत्रों में यह अतिरिक्त बारिश और भी गंभीर स्थिति पैदा कर सकती है। इसलिए, प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन को पहले से ही तैयारी कर लेनी चाहिए और बचाव कार्य के लिए अपनी योजना बना लेनी चाहिए।

भारी बारिश की चेतावनी

20 अक्टूबर को उत्तरी तटीय, दक्षिण तटीय और रायलसीमा क्षेत्रों के कुछ स्थानों के लिए भारी बारिश, आंधी और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई थी। यह चेतावनी बताती है कि आने वाले दिनों में भारी वर्षा की संभावना कितनी गंभीर है। ऐसी परिस्थितियों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी जाती है और अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। सरकारी एजेंसियों और स्थानीय प्रशासन को ऐसे इलाकों में आपातकालीन सेवाओं को तैयार रखने की आवश्यकता है।

रायलसीमा और तटीय आंध्र प्रदेश पर प्रभाव

रायलसीमा और दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश, जो पहले ही इस सप्ताह भारी बारिश से प्रभावित हुए हैं, इस नए निम्न दबाव क्षेत्र के कारण फिर से भारी वर्षा का सामना कर सकते हैं। यह दोहरी मार इन क्षेत्रों के लिए बेहद विनाशकारी साबित हो सकती है। पहले से क्षतिग्रस्त हुए बुनियादी ढाँचे, खेती और आवास को और अधिक नुकसान हो सकता है। इसलिए, इन क्षेत्रों के लिए विशेष तैयारी और राहत प्रयासों की आवश्यकता होगी। मरम्मत और पुनर्वास कार्य में तेजी लानी होगी, ताकि लोगों को पुनर्वास करने में मदद मिल सके।

कृषि पर प्रभाव

भारी बारिश से कृषि क्षेत्र को भी काफी नुकसान पहुंच सकता है। फसलों को क्षति पहुंच सकती है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। सरकार को किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने और क्षति की भरपाई के लिए तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है। अनाज की कमी को रोकने के लिए समय पर योजना और कदम उठाना बहुत महत्वपूर्ण होगा।

बचाव और राहत कार्य

IMD की भविष्यवाणियों के अनुसार, आंध्र प्रदेश को आने वाले दिनों में भारी वर्षा का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, राज्य प्रशासन को बचाव और राहत कार्यों के लिए पूरी तरह से तैयार रहना चाहिए। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की व्यवस्था करनी चाहिए। राहत सामग्री का पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित करना और चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था करना भी बेहद ज़रूरी है। संचार व्यवस्था को भी मजबूत करना होगा ताकि संकट की स्थिति में संपर्क बना रहे।

जन जागरूकता की आवश्यकता

आपदा प्रबंधन में जन-जागरूकता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लोगों को मौसम पूर्वानुमानों के बारे में नियमित रूप से अपडेट रहना चाहिए और सुरक्षा संबंधी आवश्यक सावधानियां बरतनी चाहिए। सरकार और स्थानीय प्रशासन को लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए प्रचार-प्रसार अभियान चलाने चाहिए।

Takeaway Points:

  • आंध्र प्रदेश में एक नए निम्न दबाव क्षेत्र के बनने से भारी बारिश की आशंका है।
  • उत्तरी तटीय, दक्षिण तटीय और रायलसीमा क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं।
  • प्रशासन को बचाव और राहत कार्यों के लिए पूरी तरह से तैयार रहना चाहिए।
  • लोगों को मौसम पूर्वानुमानों के बारे में नियमित रूप से अपडेट रहना चाहिए और सुरक्षा सावधानियां बरतनी चाहिए।
  • कृषि क्षेत्र को होने वाले संभावित नुकसान के लिए भी सरकार को तैयार रहना चाहिए।
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