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आंध्र प्रदेश में धूमधाम से मनाए गए त्योहार

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आंध्र प्रदेश में धूमधाम से मनाए गए त्योहार
आंध्र प्रदेश में धूमधाम से मनाए गए त्योहार

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबु नायडू ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम् (TTD) में संपन्न सालकाटला ब्रह्मोत्सव और श्री दुर्गा मल्लेश्वर स्वामीवरला देवस्थानम् में धूमधाम से मनाए गए दशहरा महोत्सवों की सराहना की है। उन्होंने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर 13 अक्टूबर, 2024 को दो अलग-अलग पोस्ट में इन उत्सवों की भव्यता और भक्तों की सुविधा के लिए की गई व्यवस्थाओं की प्रशंसा की है। नायडू ने यह भी जोर देकर कहा कि इन त्योहारों की पवित्रता को बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने तिरुमाला में ब्रह्मोत्सव की विशिष्टता और भक्तों की बड़ी संख्या पर प्रकाश डाला, जिसमें लगभग 6 लाख भक्तों ने श्रीवारी मुलाविराट दर्शन किया और 15 लाख भक्त वाहन सेवा में शामिल हुए। इसके अलावा, ब्रह्मोत्सव के दौरान 26 लाख भक्तों को अन्न प्रसादम दिया गया, जो पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक है। उन्होंने डिजिटल व्यवस्थाओं और आकर्षक रोशनी के उपयोग पर भी ध्यान दिया जो त्योहार की पहुँच और भव्यता को बढ़ाने में सहायक रहे। इसी प्रकार, उन्होंने विजयवाड़ा के कनका दुर्गा मंदिर में धूमधाम से मनाए गए दशहरा महोत्सव की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह त्योहार केवल एक उत्सव ही नहीं, अपितु हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परम्परा का अभिन्न अंग है।

तिरुमाला ब्रह्मोत्सव की भव्यता

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) में आयोजित सालकाटला ब्रह्मोत्सव आंध्र प्रदेश का एक प्रमुख त्योहार है जो प्रत्येक वर्ष बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष के ब्रह्मोत्सव ने भक्तों की अपार संख्या और भव्य आयोजन से सभी को प्रभावित किया।

भक्तों की संख्या में वृद्धि

मुख्यमंत्री ने इस वर्ष ब्रह्मोत्सव में लगभग 6 लाख भक्तों द्वारा श्रीवारी मुलाविराट दर्शन और 15 लाख भक्तों द्वारा वाहन सेवा में भागीदारी को एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया है। यह पिछले वर्षों की तुलना में एक महत्वपूर्ण वृद्धि दर्शाता है और त्योहार के महत्व को रेखांकित करता है।

सुविधाएँ और व्यवस्थाएँ

TTD द्वारा भक्तों की सुविधा के लिए की गई विशेष व्यवस्थाओं को भी मुख्यमंत्री ने सराहा है। अन्न प्रसादम की व्यवस्था में उल्लेखनीय वृद्धि, डिजिटल सुविधाओं का उपयोग, और आकर्षक रोशनी से त्योहार और अधिक सुगम और आकर्षक बन गया। यह व्यवस्थाओं में निरंतर सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

विजयवाड़ा में दशहरा महोत्सव का महत्व

विजयवाड़ा के कनका दुर्गा मंदिर में मनाया जाने वाला दशहरा महोत्सव भी आंध्र प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत का एक अभिन्न अंग है। इस वर्ष के उत्सव ने भी भव्यता और आयोजन में नई ऊँचाइयाँ छुईं।

सांस्कृतिक महत्व

मुख्यमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि ये त्यौहार केवल मनोरंजन के अवसर ही नहीं हैं बल्कि हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन त्योहारों का संरक्षण और संवर्धन हमारी सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने के लिए बेहद ज़रूरी है।

सुचारू आयोजन

मुख्यमंत्री ने दशहरा महोत्सव के सुचारू और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध आयोजन की प्रशंसा की। यह दर्शाता है कि उत्सव की सफलता के पीछे कुशल प्रबंधन और आयोजन का कितना महत्व है।

त्योहारों की पवित्रता का संरक्षण

नायडू ने यह भी जोर देकर कहा कि इन त्योहारों की पवित्रता का संरक्षण अति आवश्यक है। यह धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक विरासत के प्रति सम्मान का प्रतीक है।

भविष्य की योजनाएँ

आगे बढ़ते हुए, त्योहारों की व्यवस्था में सुधार और भक्तों की सुविधाओं में वृद्धि करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया है। यह आने वाले वर्षों में इन त्योहारों को और अधिक सुचारू और आनंददायक बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा

ये त्योहार न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, अपितु वे आंध्र प्रदेश में सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

आर्थिक प्रभाव

इस वर्ष इन त्योहारों में बड़ी संख्या में भक्तों के आने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिला होगा। ये त्योहार न केवल आध्यात्मिक अपितु आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

टेकअवे पॉइंट्स:

  • तिरुमाला ब्रह्मोत्सव और विजयवाड़ा दशहरा महोत्सव भव्यता से संपन्न हुए।
  • भक्तों की सुविधा और आध्यात्मिक अनुभव पर विशेष ध्यान दिया गया।
  • त्योहारों की पवित्रता का संरक्षण और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया।
  • इन त्योहारों का आर्थिक महत्व भी उल्लेखनीय है।
  • भविष्य में और अधिक सुधार और सुविधाओं के प्रावधान पर ज़ोर दिया गया।
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