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बाबा सिद्दीकी हत्याकांड: 50 लाख का सौदा और फ़िर पलटी

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बाबा सिद्दीकी हत्याकांड: 50 लाख का सौदा और फ़िर पलटी
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड: 50 लाख का सौदा और फ़िर पलटी

बाबा सिद्दीकी हत्याकांड: मुंबई पुलिस की जाँच में हुआ बड़ा खुलासा

मुंबई पुलिस द्वारा बाबा सिद्दीकी हत्याकांड की जाँच में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस ने पाया है कि हाल ही में गिरफ्तार किए गए पाँच आरोपियों ने हत्या के लिए 50 लाख रुपये की माँग की थी, लेकिन भुगतान को लेकर मतभेद होने और एनसीपी नेता के प्रभाव को देखते हुए बाद में इस योजना से पीछे हट गए थे। हालाँकि, उन्होंने हत्या में शामिल लोगों को तार्किक और अन्य प्रकार का समर्थन प्रदान किया था। इस घटना ने मुंबई में राजनीतिक हत्याओं के संदर्भ में गंभीर चिंताएँ पैदा कर दी हैं और जाँच अधिकारियों पर अब और अधिक दबाव डाल दिया है।

गिरफ्तारी और आरोप

मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने 18 अक्टूबर, 2024 को पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने कथित रूप से बाबा सिद्दीकी के हत्यारों को हथियार और तार्किक समर्थन प्रदान किया था। इससे इस मामले में गिरफ्तार लोगों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है, जबकि तीन मुख्य आरोपी अभी भी फरार हैं। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में शामिल हैं: नितिन गौतम साप्रे (32), संभाजी किसन पार्धी (44), प्रदीप दत्तु थोम्ब्रे (37), चेतन दिलीप पार्धी और राम फुलचंद कनौजिया (43)।

आरोपियों की पहचान और स्थान

सापरे डोंबिवली से हैं, जबकि पार्धी, थोम्ब्रे और पार्धी (27) ठाणे जिले के अंबरनाथ से हैं। कनौजिया रायगढ़ के पनवेल के रहने वाले हैं। इन सभी आरोपियों को हथियार उपलब्ध कराने और हत्यारों को विभिन्न तरह से मदद करने के लिए गिरफ्तार किया गया है।

जांच में खुलासा हुआ षड्यंत्र

पूछताछ के दौरान पुलिस ने पाया कि साप्रे के नेतृत्व वाले गिरोह ने हत्या के लिए मध्यस्थ से 50 लाख रुपये की माँग की थी। लेकिन लेनदेन को लेकर मतभेद होने के कारण उन्होंने इस योजना को छोड़ दिया। सापरे को यह भी पता था कि सिद्दीकी एक उच्च-प्रोफ़ाइल राजनेता थे, इसलिए उनकी हत्या से उनके गिरोह को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता था। हालाँकि, आरोपियों ने नए हत्यारों को तार्किक सहायता और अन्य मदद उपलब्ध कराने का फैसला किया।

जाँच में आगे की प्रगति और भूमिकाएँ

पुलिस जांच से यह भी पता चला है कि साप्रे के नेतृत्व वाला गिरोह गोलीबारी तक षड्यंत्रकारी शुभम लोणकर और मास्टरमाइंड मोहम्मद जीशान अख्तर के संपर्क में था। पुलिस अब जांच कर रही है कि क्या शुभम और अख्तर ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के माध्यम से एनसीपी नेता की हत्या का प्रस्ताव उन तक पहुँचाया था। इस बिंदु पर जांच अधिकारियों द्वारा और गहनता से जाँच की जा रही है। इस मामले में अन्य संभावित संगठित अपराधों से भी संबंध जोड़कर देखा जा रहा है।

पूर्व में की गई गिरफ्तारियाँ और मुख्य आरोपी

पुलिस ने इससे पहले चार लोगों को गिरफ्तार किया था, जिसमें हरियाणा निवासी गुरमेल बलजीत सिंह (23), उत्तर प्रदेश निवासी धर्मराज राजेश काश्यप (19) (दोनों कथित निशानेबाज), हरीशकुमार बालकराम निसाद (23), और “सह-षड्यंत्रकारी” शुभम लोणकर का भाई प्रवीण लोणकर (पुणे निवासी) शामिल थे।

मुख्य आरोपी अभी भी फरार

बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में मुख्य निशानेबाज शिवकुमार गौतम, शुभम लोणकर और मोहम्मद जीशान अख्तर फरार हैं। पुलिस ने इन तीनों आरोपियों के खिलाफ लुक-आउट सर्कुलर (LOC) जारी किया है।

घटना और पीड़ित

66 वर्षीय सिद्दीकी, महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री थे, जिनकी 12 अक्टूबर की रात मुंबई के बंधरा इलाके में उनके विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह घटना मुंबई में राजनीतिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाती है। इस घटना से न केवल उनके परिवार बल्कि समूचे राज्य में शोक और आक्रोश व्याप्त है।

घटना के बाद की प्रतिक्रियाएँ

इस घटना के बाद राजनीतिक दलों और नागरिक समाज के लोगों ने सरकार से त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की मांग की है। मुंबई पुलिस ने अपनी जाँच में तेज़ी लाने और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने का आश्वासन दिया है।

निष्कर्ष और आगे की कार्रवाई

बाबा सिद्दीकी हत्याकांड की जांच में मुंबई पुलिस ने महत्वपूर्ण प्रगति की है, हालाँकि मुख्य षड्यंत्रकारी अभी भी फरार हैं। पुलिस विभिन्न पहलुओं पर गहन जांच कर रही है और सभी आरोपियों को पकड़ने के लिए प्रयास तेज कर रही है। इस मामले ने मुंबई शहर में राजनीतिक हिंसा और अपराध के जटिल पहलुओं पर प्रकाश डाला है, जिससे सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर चिंताएँ बढ़ गई हैं। आने वाले समय में इस मामले में और भी खुलासे होने की उम्मीद है।

मुख्य बिन्दु:

  • बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में अब तक नौ गिरफ़्तारियाँ हुई हैं।
  • पांच नए आरोपियों ने हत्या के लिए 50 लाख रुपये की मांग की थी, लेकिन बाद में पीछे हट गए।
  • मुख्य आरोपी अभी भी फरार हैं, और पुलिस ने उनके खिलाफ़ लुक-आउट सर्कुलर जारी किया है।
  • इस मामले में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के संभावित शामिल होने की जांच की जा रही है।
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