पटना। बिहार के मुंगेर जिले में पुलिस को एके-47 रायफलों का जखीरा मिला है। बरहद और तौफीर गांव के बीच बहियार में एक कुंए से पुलिस ने 12 रायफलें बरामद की हैं। पुलिस को यह जानकारी तौफीर आलम से मिली थी,जिसे हजारीबाग में गिरफ्तार किया गया था। एसपी बाबू राम के नेतृत्व में एएसपी अभियान राणा नवीन सिंह और एएसपी हरिशंकर ने रात भर छापामारी कर रायफलें बरामद की।
29 अगस्त को मोहम्मद इमरान को जमालपुर पुलिस ने तीन एके 47 रायफल के साथ गिरफ्तार किया था। बाद में मोहम्मद शमशेर और इमरान की बहन रिजवाना को पुलिस ने तीन एके 47 रायफल के साथ बरदह गांव से गिरफ्तार किया था। फिर जब दोनों से पूछताछ हुई तो उसके बाद शुरू हुआ देश का सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन, जिसमें हथियारों का जखीरा बरामद होने का सिलसिला जारी है।
इस कार्रवाई के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि मामले में हथियार तस्कर मजीत उर्फ मुंजी भी शामिल है। पुलिस मंजीत को खोजने में लगी थी। इसी दौरान सूचना मिली कि बरदह गांव में मोहम्मद एजाजुल हक का बेटा तौफीर कारतूस से भरी पॉलीथिन शमशेर के घर में फेंक कर भाग गया है। इस पॉलीथिन में एके-47, इंसास व एसएलआर आदि की गोलियां बरामद हुईं। पुलिस ने तौफीर को भी निशाने पर ले लिया। । तौफीर को विशेष पुलिस टीम ने हजारीबाग से गिरफ्तार किया। पूछताछ में तौफीर ने पुलिस को एके-47 की तस्करी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। तौफीर ने पुलिस को बताया कि बहियार में बने कुएं में कई एके-47 रायफलें रखी गई हैं। इसी आधार पर पुलिस ने गुरुवार की देर रात छापामारी कर 12 रायफलें बरामद कीं।
वर्ष 2010 से डीपो से चोरी कर एके 47 जैसे राइफल डीपो से निकाल कर मुंगेर पहुंचाए जाने लगे, जहां शमशेर, इमरान आदि हथियार की बिक्री किया करते थे। 29 अगस्त को जमालपुर में तीन एके 47 के साथ इमरान पुलिस के हत्थे चढा। इसके बाद एके 47 तस्करी के पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ।
इस मामले में पुलिस अब तक 20 एके 47 राइफल बरामद कर चुकी है। कुआं और जमीन के नीचे से भी एके 47 की बरामदगी की गई। इस मामले में मुंगेर पुलिस अब तक बंगाल, झारखंड, मध्य प्रदेश, असाम आदि राज्यों में छापामारी कर चुकी है। कई राज्यों में नेटवर्क फैले होने की सूचना बाद पुलिस मुख्यालय ने इसकी जांच एनआइए को सौंपे जाने की अनुशंसा कर दी है। पूछताछ में शमशेर ने बताया कि अब तक 70 से अधिक एके 47 रायफल मुंगेर लाई जा चुकी हैं। पुलिस अब तक 20 एके-47 ही बरामद कर सकी है। ऐसे में 50 और एके 47 की बरामदगी को लेकर पुलिस कुआं से लेकर गंगा नदी तक की खाक छान रही है।
इस गांव में कुएं से एके-47 की खेप मिलने के बाद पुलिस को एक दूसरे कुएं से ऑटोमैटिक रायफल के पार्ट्स भी मिले थे। पुलिस को शक है कि अभी इन इलाकों से कई और एके-47 बरामद की जा सकती हैं। मुंगेर में अवैध हथियार निर्माण का इतिहास काफी पुराना है। अंग्रेजों के डर से बंगाल के नवाब मीर कासिम ने मुंगेर को अपनी राजधानी बना लिया था। वहीं, अंग्रेजों से मुकाबला करने के लिए मीर कासिम के सेनापति गुरगीन खान ने मुंगेर में बंदूक फैक्ट्री की स्थापना की। बाद में अंग्रेजी शासनकाल में भी बंदूक फैक्ट्री संचालित रही। बंदूक फैक्ट्री में काफी संख्या में लोगों को बहाल किया गया। लेकिन, बाद में बंदूक फैक्ट्री बदहाली की कगार पर पहुंच गया। ऐसे कारीगरों को जब काम मिलना बंद हुआ, तो वे अवैध रुप से हथियार बनाने में जुट गए।
देसी कटटा, बंदूक से शुरू हुआ सफर नाइन एमएम और 7-62 एमएम पिस्घ्टल तक पहुंच गया। मुंगेर में हथियार की खरीद करने देश के अलग-अलग हिस्सों से लोग पहुंचते हैं। इसका फायदा उठाते हुए हथियार तस्करों ने विदेशी हथियार मुंगेर ला कर बेचना शुरू कर दिया। मुंगेर में ऑस्ट्रिया के एक पुलिस अधिकारी से चोरी की गई ग्लाक पिस्टल बरामद की गई। वहीं, कासिमबाजार थाना क्षेत्र में फ्रेंच पिस्टल भी बरामद किए गए। यह हथियार नगालैंड के रास्ते मुंगेर लाया गया था।मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के डीपो में मुंगेर के हथियार तस्करों ने सेंध लगा दी। पुलिस के हत्थे चढे शमशेर के भाई और सेना के सेवानिवृत जवान रियाजुल ने सीओडी में कार्यरत पुरुषोत्तम लाल से अपने भाई शमशेर और उसके साला इमरान की मुलाकात कराई थी ।
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