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उत्तर प्रदेश के एटा जिले में काली नदी में डूबने से सात किशोरों की मौत की घटना ने पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी है। यह दुखद घटना विजलई गाँव में श्रीमद् भागवत कथा के समापन के बाद जलकलश विसर्जन के दौरान घटी। कथा के समापन के बाद आयोजित भंडारे के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण काली नदी के घाट पर जलकलश विसर्जन के लिए पहुँचे थे। जहाँ बच्चों और महिलाओं के साथ नहाने के दौरान कई बच्चे पानी में बह गए और डूब गए। इस हादसे में छह किशोरी और एक युवक की मौत हो गई। घटना की सूचना पाकर पुलिस और गोताखोरों की मदद से कुछ बच्चों को बचाया गया पर दो लड़कियों का अभी तक पता नहीं चल पाया है और उनकी तलाश जारी है। इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को झकझोर कर रख दिया है बल्कि सुरक्षा संबंधी चिंताओं को भी उजागर किया है।

काली नदी में डूबने की घटना: एक विस्तृत विवरण

घटना का संक्षिप्त विवरण

22 अक्टूबर को विजलई गांव में संपन्न हुई श्रीमद् भागवत कथा के बाद 23 अक्टूबर को भंडारे का आयोजन किया गया था। इसके बाद 24 अक्टूबर की दोपहर को बड़ी संख्या में ग्रामीण ट्रैक्टर-ट्रॉली से काली नदी के घाट पर जलकलश विसर्जन के लिए गए थे। नदी में स्नान के दौरान कई बच्चों को डूबता देख ग्रामीणों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, सरोजिनी (16), चांदनी (12), सोनकी (10), मूर्ति (25), वंदना (8), और साक्षी (10) नाम की छह किशोरियाँ और शिलू नाम का एक युवक नदी में डूब गए।

बचाव कार्य और पुलिस की भूमिका

घटना की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय लोगों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया। कुछ बच्चों को बचा लिया गया, लेकिन सरोजिनी और चांदनी अभी भी लापता हैं। पुलिस को सूचना मिलते ही एटा के कुरावली और जसराठपुर पुलिस स्टेशन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। गोताखोरों की मदद से खोजबीन जारी है, पर दो लड़कियों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। कुरावली इंस्पेक्टर धर्मेंद्र सिंह चौहान के अनुसार, ग्रामीणों की मदद से चार लोगों को नदी से बाहर निकाला गया है।

दुर्घटना के कारण और सुरक्षा चिंताएँ

नदी की गहराई और जलधारा

प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, नदी में गहराई ज्यादा होने और तेज जलधारा होने के कारण यह हादसा हुआ। बच्चों को तैराकी का ज्ञान न होना और सुरक्षा इंतज़ामों का अभाव भी हादसे के कारण माने जा रहे हैं। इस घटना ने गांव में पानी में सुरक्षित रहने के प्रति जागरूकता की कमी को उजागर किया है।

समुदायिक जागरूकता की आवश्यकता

ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए समुदाय स्तर पर जागरूकता अभियान चलाना बेहद ज़रूरी है। बच्चों को पानी में सुरक्षित रहने, तैराकी के तरीके, और संभावित खतरों के बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए। नदी किनारे सुरक्षा के उपाय जैसे निगरानी, बाड़ लगाना और संकेत बोर्ड लगाना भी बहुत महत्वपूर्ण है।

आगे की कार्रवाई और जांच

लापता बच्चों की तलाश जारी

पुलिस और गोताखोर लापता दो लड़कियों की खोजबीन जारी रखे हुए हैं। इस दुखद घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने भी घटनास्थल पर पहुँच कर स्थिति का जायज़ा लिया है और आगे की कार्रवाई का भरोसा दिया है।

घटना की विस्तृत जाँच

पुलिस ने घटना की पूरी जांच शुरू कर दी है ताकि इस तरह की घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके। जांच में नदी की गहराई, जलधारा की गति, और सुरक्षा व्यवस्था की कमी आदि पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा।

टेकअवे पॉइंट्स:

  • एटा जिले में काली नदी में सात किशोरों के डूबने से हुई मौत एक दुखद घटना है।
  • दो किशोरियां अभी भी लापता हैं और उनकी खोज जारी है।
  • नदी में गहराई और तेज जलधारा, तैराकी के अभाव और सुरक्षा उपायों की कमी इस हादसे के कारण हो सकते हैं।
  • इस घटना ने समुदाय में पानी में सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है।
  • प्रशासन द्वारा घटना की जांच और सुरक्षा व्यवस्था में सुधार करने की आवश्यकता है।