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गुंटूर में बेहतर नगरपालिका प्रशासन के लिए हैदराबाद मॉडल

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गुंटूर में बेहतर नगरपालिका प्रशासन के लिए हैदराबाद मॉडल
गुंटूर में बेहतर नगरपालिका प्रशासन के लिए हैदराबाद मॉडल

गुंटूर नगर निगम (जीएमसी) के आयुक्त पुलि श्रीनिवासुलु के नेतृत्व में एक दल ने गुरुवार को ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) का दौरा किया। यह दौरा नगरपालिका प्रशासन और अवसंरचना प्रबंधन में सुधार के उद्देश्य से किया गया। यह यात्रा महज़ एक अध्ययन दौरा नहीं बल्कि आंध्र प्रदेश के एक नगर निगम के लिए बेहतर शासन व्यवस्था स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस यात्रा से गुंटूर नगर निगम को हैदराबाद के बेहतरीन मॉडल को समझने और अपनी नगरपालिका सेवाओं में सुधार करने में मदद मिलेगी। यह दौरा ओडिशा और तेलंगाना में नगरपालिका प्रथाओं के व्यापक अंतर्राज्यीय अध्ययन दौरे का हिस्सा था, जिसमें संपत्ति कर संग्रह, सड़क रखरखाव और वित्तीय संसाधन प्रबंधन जैसी विभिन्न शहरी प्रबंधन रणनीतियों का पता लगाया गया।

जीएचएमसी द्वारा अपनाया गया संपत्ति कर संग्रहण मॉडल

जीआईएस का उपयोग और प्रभावी कर निर्धारण

गुंटूर दल ने जीएचएमसी के कमांड कंट्रोल रूम में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। यहां उन्हें शहर की जनसंख्या, आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियों और संपत्ति कर आकलन और संग्रह के तंत्र के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि संपत्ति कर के लिए पात्र भवनों की निगरानी के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) के उपयोग पर चर्चा हुई। जीआईएस का उपयोग सटीक कराधान और शहरी नियोजन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हैदराबाद द्वारा अपनाई गई इस प्रणाली ने गुंटूर के प्रतिनिधिमंडल को प्रभावित किया, क्योंकि यह पारदर्शिता और कुशल कर संग्रहण सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाता है। गुंटूर टीम ने जीएचएमसी द्वारा विकसित तकनीकी मॉडल पर गहन विचार-विमर्श किया और इसे अपने शहर में लागू करने की संभावनाओं का आकलन किया। इसके अलावा, कर संग्रहण में पारदर्शिता बनाए रखने और करदाताओं के साथ बेहतर संवाद के लिए अपनाई गई प्रक्रियाओं की जानकारी प्राप्त हुई।

व्यावसायिक संपत्तियों के आकलन की प्रक्रिया

व्यावसायिक संपत्तियों के आकलन और कराधान की प्रक्रिया की गहन समीक्षा की गई। जीएचएमसी के अधिकारियों ने बताया कि कैसे व्यावसायिक भवनों का मूल्यांकन उनकी आकार, स्थान और उपयोग के आधार पर किया जाता है। उन्होंने व्यावसायिक संपत्तियों के लिए लागू कर दरों के बारे में भी जानकारी दी, साथ ही संपत्ति कर के भुगतान के लिए उपलब्ध विभिन्न विकल्पों के बारे में भी बताया। इसके अलावा, संपत्ति कर चोरी को रोकने के लिए उपयोग किए जाने वाले उपायों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। जीएमसी टीम इस ज्ञान को अपने शहर में प्रभावी ढंग से लागू करने पर विचार करेगी ताकि व्यावसायिक संपत्तियों से राजस्व संग्रह में वृद्धि हो सके।

हैदराबाद का एकीकृत सड़क रखरखाव तंत्र

हैदराबाद के सड़क रखरखाव तंत्र का अध्ययन करना इस यात्रा का एक और महत्वपूर्ण पहलू था। जीएचएमसी अधिकारियों ने अपने एकीकृत दृष्टिकोण के बारे में बताया, जिसमें सड़कों के रखरखाव की नियमित जांच, त्वरित मरम्मत और नई सड़कों के निर्माण को शामिल किया गया है। उन्होंने सड़कों की स्थिति की निगरानी और मरम्मत कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए उपयोग किए जा रहे तकनीकी उपकरणों और सॉफ्टवेयर पर भी जानकारी प्रदान की।

तकनीकी समाधान और निगरानी तंत्र

सड़क की स्थिति की नियमित निगरानी के लिए उपयोग किए जाने वाले प्रौद्योगिकी-संचालित समाधानों पर चर्चा की गई। जीएचएमसी ने सड़क क्षति की पहचान करने और उसका तुरंत निवारण करने के लिए ड्रोन और अन्य तकनीकों के उपयोग के बारे में बताया। यह सड़क रखरखाव के लिए एक प्रभावी और लागत-प्रभावी तरीका है जो न्यूनतम व्यवधानों के साथ सुनिश्चित करता है।

जनसहभागिता और सार्वजनिक प्रतिक्रिया तंत्र

इस यात्रा में सड़क रखरखाव के लिए जनता की सहभागिता को महत्व देने पर भी ज़ोर दिया गया। जीएचएमसी ने नागरिकों से प्रतिक्रिया और शिकायत दर्ज करने के लिए बनाए गए विभिन्न चैनलों और प्रणालियों के बारे में विस्तृत रूप से बताया, जिससे वे सड़क की स्थिति में सुधार के लिए सफलतापूर्वक सहयोग कर सके।

एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली

गुंटूर दल ने जीएचएमसी के एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली (आईएसडब्ल्यूएम) का भी अध्ययन किया, जिसमें आरडीएफ (रिफ्यूज़ डेरिव्ड फ्यूल) संयंत्र और विंडरो कंपोस्ट इकाई शामिल हैं। जीएचएमसी के अधिकारियों ने इन इकाइयों के प्रबंधन, उनकी परिचालन दक्षता और लागत संरचनाओं के बारे में पूरी जानकारी दी। इससे गुंटूर नगर निगम को अपने शहर में ठोस कचरे के निपटान के तरीकों में सुधार करने में मदद मिलेगी।

कचरे के प्रसंस्करण और पुनर्चक्रण

गुंटूर की टीम ने आरडीएफ प्लांट के संचालन और अपशिष्ट से ईंधन बनाने की प्रक्रिया को विस्तार से समझा। इससे अपशिष्ट के प्रबंधन के लिए एक बेहतर और पर्यावरण के अनुकूल तरीका विकसित करने में मदद मिली। साथ ही कचरे के पुनर्चक्रण और उसके पुन:उपयोग को बढ़ावा देने के लिए अपनाए जा रहे प्रयासों को समझा।

कंपोस्टिंग और जैविक कचरे का प्रबंधन

विंडरो कंपोस्ट इकाई के संचालन पर विशेष ध्यान दिया गया जिससे जैविक अपशिष्ट के कुशल प्रबंधन को समझने में मदद मिली। गुंटूर टीम ने इस विधि से कंपोस्ट के उत्पादन और उसके उपयोग को समझा, ताकि जैविक अपशिष्ट के प्रभावी ढंग से प्रबंधन के लिए अपनाई जाने वाली योजना को विकसित करने में मदद मिले।

निष्कर्ष:

यह अध्ययन यात्रा गुंटूर नगर निगम के लिए हैदराबाद के नगर प्रशासन मॉडल से बहुत कुछ सीखने का एक अवसर था। संपत्ति कर संग्रहण, सड़क रखरखाव और अपशिष्ट प्रबंधन में हैदराबाद के उन्नत तरीके गुंटूर को अपने शहरी विकास में तेजी लाने में सहायक होंगे। इस दौरे से प्राप्त ज्ञान का उपयोग गुंटूर में बेहतर नागरिक सेवाएँ प्रदान करने और राजस्व संग्रह में वृद्धि करने के लिए किया जा सकता है।

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