दीपावली का त्योहार रंग-बिरंगे पटाखों और रोशनी से जगमगाता है, लेकिन इसी के साथ बढ़ती जा रही शोर और प्रदूषण की समस्या भी चिंता का विषय बनती जा रही है। इस समस्या को देखते हुए, हैदराबाद पुलिस ने इस वर्ष दीपावली पर पटाखों के उपयोग को लेकर कुछ महत्वपूर्ण दिशानिर्देश जारी किए हैं। इन नियमों का उद्देश्य त्योहार की खुशियां बनाए रखते हुए शोर प्रदूषण और दुर्घटनाओं से बचना है। पुलिस द्वारा जारी आदेश और उससे जुड़ी चिंताओं पर गौर करते हुए हम इस लेख में हैदराबाद में दीपावली पर पटाखों के उपयोग से जुड़े नियमों, उनकी आवश्यकता और उनके संभावित प्रभावों पर चर्चा करेंगे।
हैदराबाद में पटाखों पर पाबंदियाँ: एक सुरक्षित त्योहार के लिए कदम
हैदराबाद पुलिस ने इस वर्ष दीपावली के दौरान उच्च-ध्वनि वाले पटाखों पर सार्वजनिक स्थानों और सड़कों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह निर्णय शोर प्रदूषण से संबंधित लगातार मिल रही शिकायतों के मद्देनजर लिया गया है। पुलिस हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतों ने इस समस्या की गंभीरता को उजागर किया है। नए दिशानिर्देशों के अनुसार, निवासियों को केवल रात 8 बजे से 10 बजे तक पटाखे जलाने की अनुमति होगी और उन्हें सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित डेसीबल सीमा का पालन करना होगा।
नियमों का उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई
पुलिस द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि जो लोग इन नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, पटाखा विक्रेताओं को भी चेतावनी दी गई है कि वे बिना वैध लाइसेंस के पटाखे नहीं बेच सकते। यह कदम अवैध बिक्री को रोकने और सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। कुल मिलाकर, पुलिस का लक्ष्य एक शांत और सुरक्षित दीपावली सुनिश्चित करना है।
पटाखों की श्रेणियाँ और डेसीबल सीमा
पटाखों को दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है: ‘ध्वनि उत्सर्जक’ और ‘ध्वनि और प्रकाश उत्सर्जक’। सार्वजनिक क्षेत्रों में ध्वनि उत्सर्जक पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध है, सिवाय निर्दिष्ट समय के। सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुसार, आवासीय क्षेत्रों में दिन के समय ध्वनि का स्तर 55 डेसीबल से अधिक नहीं होना चाहिए। यह सीमा शोर प्रदूषण को नियंत्रित करने और लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करने के लिए निर्धारित की गई है।
लाइसेंस और सुरक्षा उपायों पर ज़ोर
तेलंगाना राज्य अग्निशमन विभाग को स्टॉल लाइसेंस के लिए लगभग 7,000 आवेदन प्राप्त हुए हैं। विभाग द्वारा ज़्यादातर आवेदनों को मंज़ूरी दे दी गयी है लेकिन उन्होंने पटाखों के उपयोग में सावधानी बरतने का आग्रह किया है। पिछले वर्ष अग्निशमन विभाग को पटाखों से जुड़ी 35 घटनाओं की सूचना मिली थी। यह आंकड़ा पटाखों के सुरक्षित उपयोग की आवश्यकता को दर्शाता है।
चिकित्सा सुविधाओं पर पड़ता असर
पिछले वर्ष दीपावली के दौरान पटाखों से संबंधित चोटों की घटनाओं में वृद्धि हुई थी। शहर के कई अस्पतालों में पटाखों से हुई चोटों के मरीज़ों में बढ़ोतरी देखी गयी थी। ये आंकड़े पटाखों के उपयोग में सावधानी बरतने की अहमियत को रेखांकित करते हैं। इस वर्ष प्रशासन द्वारा उठाए गए कड़े कदमों से इन घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है।
समाजिक जिम्मेदारी और सुरक्षित उत्सव
दीपावली एक ऐसा त्यौहार है जो खुशियों, उल्लास और परिवार के साथ मिलने-जुलने का प्रतीक है। लेकिन हमें अपनी खुशियों का लुत्फ़ उठाते हुए यह भी ध्यान रखना होगा कि हम अपने आसपास के वातावरण और लोगों की भलाई को नुकसान न पहुंचाएं। पुलिस द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना न सिर्फ़ कानूनी जिम्मेदारी है, बल्कि यह हमारी सामाजिक जिम्मेदारी भी है।
प्रदूषण नियंत्रण और सतर्कता
पटाखों से होने वाले शोर और वायु प्रदूषण पर लगाम लगाना आवश्यक है। सभी नागरिकों से अपने-अपने स्तर पर सहयोग करने की अपील की जाती है ताकि हम दीपावली को एक सुरक्षित और यादगार त्यौहार बना सकें। सतर्कता, सावधानी और सरकारी दिशानिर्देशों का पालन एक सुखद त्योहार मनाने का रास्ता प्रशस्त कर सकता है।
मुख्य बिन्दु:
- हैदराबाद पुलिस ने दीपावली पर उच्च-ध्वनि वाले पटाखों पर प्रतिबंध लगाया है।
- पटाखे केवल रात 8 बजे से 10 बजे तक जलाने की अनुमति है।
- डेसीबल सीमा का पालन करना अनिवार्य है।
- बिना लाइसेंस पटाखे बेचना अवैध है।
- सुरक्षित पटाखों के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है।