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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: महायुती का सीट बंटवारा और सत्ता की जंग

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: महायुती का सीट बंटवारा और सत्ता की जंग
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: महायुती का सीट बंटवारा और सत्ता की जंग

महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर सत्ताधारी महायुती घटक दलों के बीच सीट बंटवारे की चर्चाएँ लगभग अंतिम चरण में पहुँच गई हैं। शनिवार, 19 अक्टूबर 2024 को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा नेता अमित शाह के साथ तीन घंटे से अधिक समय तक चली बैठक के बाद यह स्थिति स्पष्ट हुई है। हालाँकि, सूत्रों के अनुसार, 20 से अधिक सीटों पर अभी भी बातचीत जारी है। इस बैठक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार शामिल हुए। भाजपा को 155 से 160 सीटों का बड़ा हिस्सा मिलने की उम्मीद है, जबकि शिंदे गुट को 80 से 85 और अजित पवार की एनसीपी को 50 से 55 सीटें मिलने की संभावना है।

सीट बंटवारे की अंतिम रूपरेखा

भाजपा का वर्चस्व

भाजपा की पहली सूची किसी भी समय जारी होने की उम्मीद है। उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने शनिवार को बताया कि महायुती सीट बंटवारे की बातचीत सकारात्मक रही है और अंतिम चरण में है। अगले दो दिनों में अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा। हालांकि, 25 से 30 सीटों पर अभी भी कुछ मतभेद हैं, जिनके जल्द ही सुलझने की उम्मीद है। यह स्पष्ट है कि भाजपा महायुती में अग्रणी भूमिका निभा रही है और सीटों के बंटवारे में उसका वर्चस्व दिखाई दे रहा है।

शिवसेना और एनसीपी की भूमिका

एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाएँगे। शिंदे ने कहा है कि महायुती सरकार फिर से सत्ता में आएगी, और विकास उनके एजेंडे का केंद्रबिंदु रहेगा। हालांकि, सीटों के बंटवारे में शिवसेना और एनसीपी को भाजपा की तुलना में कम सीटें मिलने की संभावना है। इससे इन दलों में असंतोष भी हो सकता है, हालाँकि अभी तक सब कुछ शांत दिखाई दे रहा है।

मुख्यमंत्री पद की चर्चाएँ

शिंदे का नेतृत्व?

मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट घोषणा नहीं हुई है। सूत्रों के अनुसार, चुनाव परिणाम के बाद ही इस पर निर्णय लिया जाएगा। भाजपा, शिवसेना और एनसीपी मिलकर इस पर फैसला करेंगी। हालांकि, महायुती ने पहले ही कहा था कि वर्तमान चुनाव मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।

गुप्त राजनीति और दबाव

शिंदे के नेतृत्व को लेकर शिवसेना के अंदरूनी सूत्रों के बयान संकेत देते हैं कि एक तरह का दबाव बनाया जा रहा है। इस समय मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में खुलकर बात करना मुश्किल है। लेकिन, यह सच है कि महायुती शिंदे की लोकप्रियता पर दांव लगा रही है। भाजपा के अंदरूनी सूत्रों ने बताया है कि शिंदे को सीट बंटवारे की चर्चा के दौरान समझौते के लिए तैयार रहने का संदेश दिया गया है। भाजपा ने सरकार बनाने और शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने में काफी त्याग किया था।

चुनावी रणनीति और चुनौतियाँ

सीटों का बंटवारा और सर्वेक्षण

सीटों के बंटवारे पर तीनों दल सीट दर सीट चर्चा कर रहे हैं। जहाँ मौजूदा विधायकों वाली सीटें उन्हीं दलों को मिलेंगी, वहीं कुछ सर्वेक्षणों में कुछ मौजूदा विधायकों के प्रदर्शन को कमज़ोर बताया गया है। जाति और सामाजिक इंजीनियरिंग के कारकों को ध्यान में रखते हुए कुछ बदलाव हो सकते हैं। महायुती ने कुल 288 में से 232 सीटों पर चर्चा पूरी कर ली है।

चुनाव और भविष्य

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होने वाले हैं। यह चुनाव महायुती के लिए महत्वपूर्ण है, और उनके द्वारा की गई रणनीतियाँ और सीटों का बंटवारा उनके चुनाव परिणामों को काफी प्रभावित करेगा। आगामी समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि महायुती किस तरह से अपनी चुनौतियों से निपटती है और चुनाव में अपनी सफलता सुनिश्चित करती है।

मुख्य बिन्दु:

  • महाराष्ट्र में महायुती ने सीट बंटवारे पर लगभग सहमति बना ली है, भाजपा को सबसे अधिक सीटें मिलने की संभावना है।
  • मुख्यमंत्री पद पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है, यह चुनाव परिणाम के बाद तय होगा।
  • सीट बंटवारे को लेकर शिवसेना और एनसीपी ने कुछ समझौते किए हैं, लेकिन अभी भी कुछ मतभेद बाकी हैं।
  • चुनाव में महायुती के प्रदर्शन पर कई कारक निर्भर करेंगे, जिसमें सीटों का बंटवारा, प्रचार और जनता का मूड शामिल है।
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