Home State news WEST BENGAL BYPOLLS : तीनों सीटों पर हारी भाजपा साल 2016 से...

WEST BENGAL BYPOLLS : तीनों सीटों पर हारी भाजपा साल 2016 से तिगुने वोट पाकर भी

56
0

WEST BENGAL BYPOLLS : तीनों सीटों पर हारी भाजपा साल 2016 से तिगुने वोट पाकर भी

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को पश्चिम बंगाल में तीन सीटों के उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा। केंद्रीय मंत्री देबाश्री चौधरी और प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के क्षेत्र में भी पार्टी की हार हुई। भाजपा का हालांकि मानना है कि नतीजों के लिहाज से भले तीनों सीटों पर पार्टी हार गई, मगर पिछली बार की तुलना में वोटों में भारी इजाफा कर पार्टी दूसरे नंबर पर रही। इस तरह भाजपा अब सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस का मजबूत विकल्प बन चुकी है।

कालियागंज और खडग़पुर में लोकसभा चुनाव के दौरान बढ़त मिलने के बावजूद उपचुनाव में हार भाजपा नेताओं को हालांकि परेशान कर रही है। कालियागंज विधानसभा सीट पर कांटे की लड़ाई के बाद मात्र 2300 वोटों से भाजपा की हार हुई। यहां 2016 के विधानसभा चुनाव में महज 27 हजार वोट पाकर भाजपा तीसरे स्थान पर रही थी, मगर इस बार उपचुनाव में तीन गुने से भी अधिक(95 हजार से अधिक) वोट मिले हैं।

इसी तरह करीमपुर विधानसभा सीट पर भी भाजपा अपने वोटों में भारी बढ़ोतरी करने में सफल रही है। पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में तीन गुना वोट बढ़े हैं। वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 23302 वोट मिले थे, जबकि तीन साल बाद हुए इस उपचुनाव में 78 हजार से ज्यादा वोट मिले।

भाजपा सूत्रों का कहना है कि तीनों सीटों पर हार के पीछे विरोधी वोटों का एकजुट होना है। लोकसभा चुनाव में भाजपा को 18 सीटें मिलने के बाद विपक्षी वोट एकजुट हो गए, जिससे वोट बढऩे के बाद भी भाजपा सीट नहीं जीत सकी। बानगी के तौर पर देखें तो करीमपुर सीट पर तृणमूल कांग्रेस को पिछली बार से 10 हजार अधिक वोट मिले, जबकि भाजपा पिछली बार से 55 हजार अधिक वोट पाकर भी हार गई।

इस सीट पर माकर्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वोट भी तृणमूल के पाले में चले जाने की बात सामने आ रही। भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के सचिव रितेश तिवारी ने आईएएनएस से कहा, अक्सर उपचुनाव सत्तापक्ष की जीत होती है, क्योंकि पूरी मशीनरी विपक्ष के खिलाफ खड़ी रहती है। कालियागंज सीट पर सिर्फ दो हजार वोटों से ही सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस जीत पाई। इससे पता चलता है कि राज्य में विधानसभा चुनाव में भी जनता भाजपा की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रही है।

कलियागंज सीट रायगंज लोकसभा क्षेत्र में आती है। 55 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाला लोकसभा क्षेत्र होने के बावजूद 2019 में भाजपा की देबाश्री चौधरी जीतने में सफल रही हैं। पार्टी सूत्र बताते हैं कि लोकसभा चुनाव में माकपा और कांग्रेस के बीच मुस्लिम वोट बंट गया था। मगर इस बार विधानसभा चुनाव में कलियागंज सीट पर तृणमूल के जीतने के पीछे मुस्लिम व भाजपा विरोधी वोटों का एकजुट होना बताया जा रहा है। साल 2016 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली खडग़पुर सीट पर दिलीप घोष ने भाजपा को जीत दिलाई थी।

मगर इस बार उपचुनाव में 20 हजार से अधिक वोटों से भाजपा की हार हुई है। जबकि लोकसभा चुनाव में भाजपा को इस विधानसभा क्षेत्र में करीब 45 हजार वोटों की बढ़त मिली थी। वहीं कालियागंज सीट पर भी भाजपा ने 55 हजार से ज्यादा की बढ़त बनाई थी। साल 2016 में भाजपा के टिकट पर खडग़पुर विधानसभा सीट से जीते दिलीप घोष और करीमपुर से तृणमूल विधायक महुआ मित्रा के 2019 में सांसद बन जाने पर इन दोनों सीटों पर उपचुनाव हुआ। वहीं, कांग्रेस विधायक प्रमथनाथ राय के निधन के कारण कालियागंज सीट पर उपचुनाव कराना पड़ा।

Text Example

Disclaimer : इस न्यूज़ पोर्टल को बेहतर बनाने में सहायता करें और किसी खबर या अंश मे कोई गलती हो या सूचना / तथ्य में कोई कमी हो अथवा कोई कॉपीराइट आपत्ति हो तो वह [email protected] पर सूचित करें। साथ ही साथ पूरी जानकारी तथ्य के साथ दें। जिससे आलेख को सही किया जा सके या हटाया जा सके ।