अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने दिया पत्नी को व्हाट्ऐप पर तलाक
अलीगढ़। तीन तलाक देश के सबसे जटिल सामाजिक मुद्दों में से एक था। जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट की5 सदस्यों कि संविधान बेंच ने 22 अगस्त को अपना फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी लोग कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। अलीगढ़ से एक ऐसा हा मामला सामने आया है। जहां यास्मीन खालिद ने अपने पति पर आरोप लगाया है कि उसके पति ने व्हाट्सऐप के जरिए उसे तलाक दे दिया है। इतके साथ हा यास्मीन ने धमकी दी है कि अगर उसे इंसाफ नहीं मिला तो वो अपने बच्चो के साथ वायस चांसलर के घर के सामने आत्महत्या कर लेगी।
बता दें कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में संस्कृत विभाग के चेयरमैन खालिद की पत्नी ने आरोप लगाया है कि उन्होंने पहले तो गलत तरीके से उन्हें तलाक दिया और फिर व्हाट्सऐप पर टेक्स्ट मैसेज भेज कर तलाक दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वेक वीसी तारीक मंसूर के घर के सामने अपने बच्चों समेत आत्महत्या कर लेंगी। यास्मीन का कहना है कि खालिद ने उसे घर से निकाल दिया है और अब वो इंसाफ के लिए दर-दर भटक रही है। लेकिन किसी से उसे न्याय नहीं मिला। हालांकि पुलिस की मदद की वजह से उसे किसी तरह घर में रहने की इजाजत मिली।
वहीं प्रोफेसर खालिद ने इन आरोपों का गलत साबित करते हुए कहा कि मैंने न सिर्फ उनको व्हाट्सऐप और एसएमएस के जरिए बल्कि शरिया के मुताबिक 2 लोगों की मौजूदगी में निर्धारित तय अवधि में मौखिक रूप से दिया है। इस मामले में खालिद ने खुद को पीड़ित बताया है। उनका कहना है कि मैं नहीं बल्कि मेरी पत्नी दो दशक से उत्पीड़न कर रही है। खालिद का कहना है कि उसने शादी से पहले मुझसे कई बाते छुपाई शादी से पहले वो कहती थी कि वो ग्रेजुएट है जबकि शादी के बाद पता चला कि वो ग्रेजुएट नहीं है।
इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि मैं उसे दो तलाक दे चुका हूं और तीसरा तलाक भी तय तारीख पर दूंगा और ऐसा करने से मुझे कोई नहीं रोक सकता। वहीं यास्मीन का कहना है कि कि वो न सिर्फ ग्रेजुएट है बल्कि उसने एएमयू से एमए और बीएड भी किया है। वहीं इस मामले में पुलिस का कहना है कि यास्मीन घर चली गई है। यास्मीन ने मामला पुलिस में दर्ज नहीं कराया है। और न ही काउंसलिंग का आग्रह किया। इस मामले में पुलिस विभाग ज्यादा कुछ नहीं कर सकता।
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