Home उत्तर प्रदेश आखिर किस करवट बैठेगा ऊँट ये तो आने वाली तेईस तारीख.बतायेगी

आखिर किस करवट बैठेगा ऊँट ये तो आने वाली तेईस तारीख.बतायेगी

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रिपोर्ट अंकुर श्रीवास्तव

अयोध्या-लोकसभा चुनाव का बुखार कहीं उतर गया है तो कहीं चरम सीमा पर है कहीं किसी का भाग्य ईवीएम में कैद है तोीं कैद होने की कगार पर है कल 6 मई को पड़ोसी जनपद अमेठी व फैजाबाद अयोध्या में भी लोकसभा के लिए मतदान होने हैं जिसमें अमेठी में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की प्रतिष्ठा दांव पर है वहां यह दोनों प्रत्याशी जहां युवा है वहीं 15 साल से कांग्रेश मुखिया राहुल गांधी अमेठी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं लेकिन अमेठी की जनता को राहुल जी विकास नहीं दे पाए हैं यद्यपि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी 2014मे भी अमेठी से चुनाव लडा था किन्तु उन्हें हार का सामना करना पड़ा था ।

किन्तु इस बार ऐसा नहीं लगता इस बार स्मृत ईरानी इस बार वहां की जनता से बात करो लोग स्मृति ईरानी का पक्ष मजबूती से ले रहे हैं, कांग्रेस मुखिया को शायद पहले ही आभास हो गया था यही कारण है कि वे वायनाड से भी चुनावी जंग में कूदे,स्पष्ट तो नहीं कहा जा सकता किन्तु अमेठी में राहुल गांधी खतरे में हैं ।

वहीं फैजाबाद से कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ निर्मल खत्री, बीजेपी से लल्लू सिंह,तो सपा बसपा गठबंधन से आनन्द सेन यादव चुनाव मैदान में भाग्य आजमा रहे हैं,साथ ही आजाद उम्मीदवार समाज सेवी राजन पांडेय भी भाग्य आजमा रहे हैं,श्री पांडेय एक समाज सेवी हैं हार जीत की बात अलग है किंतु श्री पांडेय ने नींद सबकी हराम कर दी है ।

बीजेपी प्रत्याशी लल्लू सिंह कई बार अयोध्या से बिधायक रहे कल्याण सिंह के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में मंत्री भी रहे इसके अलावा वे यहां के निवर्तमान सांसद भी हैं 2014मे उन्होंने बड़ी जीत हासिल की थी,पिता के जमाने से राजनीति की विरासत सम्हालने वाले सपा बसपा गठबंधन के प्रत्याशी आंनद सेन भी चुनाव मैदान में हैं, लेकिन इनका इतिहास जनता की नजर में ठीक नहीं है, उम्मीद नहीं है की श्री यादव को सफलता मिलेगी, लेकिन मतदाताओं को फैसला करना है कुछ कहा नहीं जा सकता है, कांग्रेस के डॉ निर्मल खत्री एक साफ सुथरी छवि वाले नेता हैं हमेशा बेदाग रहे,श्री खत्री भी यहां से सांसद रह चुके हैं जनता में उनकी उपरोक्त सभी नेताओं से कहीं ज्यादा अच्छी पैठ है।श्री खत्री के अनुयाई भी गांव गांव में मौजूद हैं, मामला चतुष्कोणीय है अब देखना है कि यहां ऊंट किस करवट बैठेगा,जय हिंद ।

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