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आखिर कैसे एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर एक दिन “भारत का ओसामा बिन लादेन” बन गया, पढ़े पूरी स्टोरी

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गाजीपुर/नयी दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गणतंत्र दिवस के ठीक पहले आज यहां इंडियन मुजाहिदीन के एक वांछित आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जिसकी पहचान अब्दुल सुभान कुरैशी उर्फ तौकीद के रूप में हुई है। स्पेशल के पुलिस उपायुक्त प्रमोद कुशवाहा ने यहां बताया कि पुलिस ने देश के सर्वाधिक वांछित आरोपी सुभान कुरैशी को काफी दिनों की तलाश के बाद आज यहां एक संक्षिप्त मुठभेड के बाद गाजीपुर से गिरफ्तार कर लिया।

 

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भारत का ओसामा बिन लादेन

वह उत्तर प्रदेश से अपने किसी साथी से मिलने आया था। उसके पास के पिस्तौल और कुछ कारतूस मिले हैं। उन्होंने बताया कि कुरैशी काफी दिनों से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नेपाल में रह रहा था। वह इंडियन मुजाहिदीन की शाखा को फिर से खड़ा करने के लिए भारत लौटा था। पुलिस के अनुसार तौकीद 2008 में गुजरात में हुए सिलसिलेवार बम धमाके का मुख्य साजिशकर्ता है।

पुलिस को पिछले दस साल से उसकी तलाश थी। कुरैशी पेशे से इंजीनियर है और इंडियन मुजाहिदीन के सारे ऑनलाइन काम वहीं करता है। उसे हथियार गोलाबारुद की काफी जानकारी भी है।

26 जुलाई 2008 को गुजरात के अहमदाबाद में 16 बस धमाके हुए थे। ये सारे धमाके 90 मिनट के अंदर किए गए थे। इन धमाकों में करीब 56 लोग मारे गए थे और 200 लोग घायल हुए थे। हमले की जिम्मेदारी इंडियन मुजाहिदीन ने ही ली थी। बाद में हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी ने भी इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस मामले में गुजरात पुलिस ने उस वक्त नौ लोगों को गिरफ्तार किया था।

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भारत का ओसामा बिन लादेन

अब्दुल सुभान कुरैशी ने आतंक की दुनिया में पहली बार उस वक्त कदम रखा जब उसने 2001 में अपनी इंजनीयरिंग के अच्छी खासी नौकरी छोड़ी। कुरैशी सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर अच्छे वेतन के साथ काम कर रहा था। लेकिन, अचानक एक दिन उसने कंपनी को रिजाइन लेटर भेज दिया।

अपनी इस्तीफे में कुरैशी ने लिखा कि वह धार्मिक और आध्यात्मिक चीजों में अपना एक साल देना चाह रहा है। उसके बाद 21 अगस्त 2001 को उसे आतंकी संगठन सिमी के प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल देखा गया। एक वीडियो रिकॉर्डिंग में उसे सफदर नागौरी के साथ बैठा हुआ देखा गया।

कुरैशी उर्फ तौकीर 2008 में गुजरात में हुए सीरियल बम विस्फोट और दिल्ली धमाकों का संदिग्ध है। उसे पुलिस ने सोमवार को गुप्त सूचना के आधार पर दोनों तरफ से हुई गोलीबारी के बाद गिरफ्तार किया है। वह केन्द्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के मोस्ट वांटेड की लिस्ट में भी शामिल था।

कई लोगों का यह मानना है कि कुरैशी सादिक इसरार के बहकावे में आ गया। इसरार मुंबई के चीताह कैम्प का रहनेवाला इंडियन मुजाहिदीन का सह-संस्थापक है जिसे सलीम मुजाहिद इलाही के साथ हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया था। इलाही साल 2004 में उस वक्त मारा गया जब गुजरात के मंत्री हरेन पांडया की हत्या के आरोपी मौलाना नसीरुद्दीन को गिरफ्तार से रोकने के लिए भीड़ बेकाबू हो गई। उसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गुजरात के पुलिस अधिकारियों को फायरिंग करनी पड़ी थी।

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल मे तैनात एक अधिकारी ने बताया कि सफदर नागौरी के मध्य प्रदेश के इंदौर में मार्च 2008 में गिरफ्तारी के बाद कुरैशी सिमी के टॉप रैंक पर रह चुका है। पहली बार 45 वर्षीय कुरैशी का नाम उस वक्त मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट में आया जब इंडियन मुजाहिदीन ने ईमेल भेजकर उत्तर प्रदेश, जयपुर, अहमदाबाद और दिल्ली में 2007 और 2008 के दौरान हुए धमाकों की जिम्मेदारी ली थी।

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