उपेन्द्र कुशवाहा
पडरौना,कुशीनगर। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मात्र एक माह बाद की एक्सपायरी दवा के खरीद-फरोख्त में करोड़ों के कमीशन का मामला प्रकाश में आया है। इसमें फार्मासिस्ट से लगाए सीएमओ तक की मिलीभगत होने का मामला सामने आ रहा है। गौरतलब है कि कुशीनगर जनपद के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर नसबंदी करने का पूर्व से हीं शासन द्वारा आदेश पारित है। जिसमें जो दवाई दी जाती है। कुशीनगर द्वारा नसबंदी की दवा की मात्र एक माह बाद की एक्सपायरी की दवा की खरीदारी करके सरकार को करोड़ों का चूना लगाया गया है। उस दवा को एक माह में मरीजों को नहीं दिया गया तो वह फेंकने लायक हो जाएगी और सरकार का करोड़ों का नुकसान होगा।
बता दें कि सभी समुदायिक स्वास्थय केन्द्रो पर कमिशन के चक्कर में मात्र एक महीने की एक्सपायरी दवा मंगाकर बाटने के लिए दिया गया है जिसके चलते स्वास्थय केन्द्र के प्रभारीयों के हाथ पांव फूल रहे हैं। किस तरह से मरीजो दिया जाए। सूत्रों की माने तो यह एक मांह की एक्सपायरी की दवा को कंपनी लागत मूल्य पर ही सप्लाई करती है जिससे करोड़ों की दवा हजारों व लाखों में मिल जाती है।
जानकारों का मानना है कि कंपनी अगर दवा नहीं बेच पाती है तो उस दवा को नष्ट हीं करना पड़ता है कम्पनी को इसलिए दवा का पुरा बील बना कर देती है और पार्टी से मात्र लागत मूल्य लेती जिससे कंपनी का माल निकल जाता है और पार्टियों को कमीशन भी आता है बाकी का खेल सरकार समझ नहीं पाती है और मात्र एक माह बाद ही वह दवा नष्ट करने लायक हो जाती है। अब एकदम साफ हो गया है कि स्वास्थ महकमा कुशीनगर द्वारा दवा के खरीद-फरोख्त में करोड़ों का भुगतान करके करोड़ों के कमीशन का खेल खेला गया है।
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