? 1991,2003,2004 में हो चुका है यहां रह चुका है तनाव
पडरौना,कुशीनगर। कुशीनगर जिले में वर्ष 1991 मेें हुई घटना के बाद मिश्रौली डोल मेला अचानक सुर्खियों में आ गया था। डोल मेला के दौरान हुए सांप्रदायिक तनाव के बीच भगवान श्रीकृष्ण के डोल तक को तीन महीने जेल में गुजारने पड़े थे। तीन माह बाद डोल आया था और फिर मिश्रौली गांव में मुख्य मार्ग से होकर अपने गंतव्य तक भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पहुंचाया गया था। तभी से इस चर्चित मिश्रौली डोल मेला को सकुशल संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन को चुनौतीपूर्ण बनी रहती है |
आधा दर्जन प्रशासनिक अधिकारी व भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रत्येक गांव की सड़कों, नालियों की साफ-सफाई कर बिजली के ढीले तारों को ठीक करा लिया गया है। मिश्रौली डोल मेला के लिए 3 इंस्पेक्टर, 3 सीओ,7एसओ,27उपनिरीक्षक, एक महिला एसओ,83 हेड कांस्टेबल,170 कांस्टेबल,16 महिला कांस्टेबल,2प्लाटून पीएसी,फायर ब्रिगेड तथा त्वरित एक्सन फोर्स लगाया गया है।
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