Home उत्तर प्रदेश कुशीनगर : शराब की बरामदगी खेल या कुछ और ….?

कुशीनगर : शराब की बरामदगी खेल या कुछ और ….?

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उपेन्द्र कुशवाहा
पडरौना,कुशीनगर। शराब की तस्करी आम लोगो के लिए एक पहेली बन चुका है। पुलिस हर रोज शराब की बरामदगी कर अपनी पीठ थपथपा रही है, लेकिन मुख्य तस्कर तक उसके न पहुँचने पर लोगों को संदेह भी हो रहा है। वही चर्चा यह भी है कि जब चाहे पुलिस शराब बरामद कर लेती है, मतलब इसमे भी बड़ा खेल हो रहा है।
बता दें की बीते एक साल में शराब बरामदगी का जो सिलसिला शुरू हुआ वह उसी गति से जारी है। जो पुलिस पहले ईंट भट्ठों से 10 या 20 लीटर कच्ची शराब की बरामदगी कर आम लोगों में दहशत का माहौल बना देती थी, आज उसके शराब से भरा डीसीएम, ट्रक और पिकप के बरामद करने पर भी नही बन पा रहा है। कारण तो कुछ है कि आम जनता पुलिस के इस कार्यवाही को नजरअंदाज कर रही है।
जानकर बताते है कि एक डीसीएम शराब के बिहार में प्रवेश होते ही डेढ़ लाख रुपये का सौदा पूरा हो जाता है, ऐसे ही एक ट्रक का दो से ढाई लाख एवं पिकप का पचास से साठ हजार। फिर भला कौन इस काले कमाई को सफेद न बनावे।
तमकुहीराज सीओ सर्किल के थाना तरयासुजान, तरयासुजान थाने की पुलिस चौकी बहादुरपुर एवं पटहेरवा थाने की पुलिस आजकल शराब बरामदगी के खेल में शतक लगा रही है। लेकिन मुख्य सरगना तक वह पहुँचने में विफल है। देहाती कहावत “चिराग तले अंधेरा” मतलब सब आसपास और साफ है। बस मैनेज गुरु की कृपा।
पुलिस से जुड़े सूत्र यह भी बताते है कि शराब की तस्करी के खेल में जमकर खेल हो रहा है। जब भी किसी थाने के जिम्मेदार पर पुलिस कप्तान नाराज होने को होते है, साहब शराब की बड़ी खेप बरामद किए पहुँच जाते है। यानी…….?

जो भी हो शराब बरामदगी की कहानी का खेल जो शुरू हुआ है, वह तब तक चलता रहेगा, जब तक उसका मुख्य सरगना सबके सामने नही आ जाता। लेकिन वह कभी पुलिस के हाथ आएगा या पुलिस उसका कुंडली सार्वजनिक करेगी, यह यक्ष प्रश्न ही है।

सूत्र यह भी बताते है कि बीते सप्ताह पटहेरवा थाना क्षेत्र में एक अपहरण हुआ, अगले दिन उसका शव भी बरामद हो गया, पुलिस ने सक्रियता दिखाई, आरोपी भी पकड़ लिए गए। उसी शाम फरनहा गांव में जमकर मारपीट हुई, एक व्यक्ति की जान चली गयी। उधर एक के बाद एक घटना से पुलिस कप्तान नाराज हो इसके पहले ही शराब के खेप की बड़ी बरामदगी सूत्रों के जानकारी की पुष्टि के लिए पर्याप्त मानी जा सकती है।

वैसे मारपीट में मृतक के पुत्रों का व्यान भी काफी पीड़ादायक लग रहा। उनके अनुसार हत्या के आरोपी घर मौज कर रहे है, मृतक के परिजनों को धमकी पर धमकी दे रहे, और थानाध्यक्ष उनके गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त साक्ष्य न होने की बात कह उनके बातों को अनसुनी कर रहे है। मृतक के पुत्र अनंजय श्रीवास्तव का आरोप है कि एसओ साहब हमे न्याय देने के बजाय मेरे पिता के हत्यारों को बचाने में लगे है।

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