दिल्ली की तरह उत्तर प्रदेश में भी कोहरे जैसा दिखाई दे रहा है प्रदूषण
लखनऊ। प्रदेश में अभी भी मौसम सामान्य तौर पर शुष्क बना हुआ है। कई स्थानों पर घने कोहरे का असर देखने को मिल रहा है। वहीं नोएडा, गाजियाबाद सहित आसपास के इलाकों में प्रदूषण अभी खतरनाक स्तर पर है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार चौबीस घण्टों के बाद उत्तर-पश्चिमी हवाएं कुछ तेज़ होंगी जिससे धुंध कम होगी और भीषण प्रदूषण से तात्कालिक राहत मिलेगी। लेकिन यह राहत बहुत मामूली और कम समय के लिए होगी।
उत्तर प्रदेश में पहुंच रहे प्रदूषण के कारणों पर नज़र डालें तो हवाओं की मंद गति और इसकी उत्तर-पश्चिम दिशा से चलना मुख्य वजहों में से एक हैं। उत्तर-पश्चिमी हवाओं के प्रभाव से एनसीआर पर छाया प्रदूषण, धुंध और कोहरा पूर्वी दिशा में बढ़ते हुए उत्तर प्रदेश पर पहले ही पहुंच चुका है और अब यह और घना हो जाएगा।
यह प्रदूषण कोहरे की तरह दिखाई दे रहा है। लेकिन यह कोहरा नहीं है। गंगा के मैदानी भागों पर कुहासा, प्रदूषण के कणों, धुएं और ज़हरीली गैसों से मिलकर काली चादर के रूप में छाया हुआ है। प्रदेश में खेतों में जलायी जा रही फसलों से उठने वाला धुआं इस प्रदूषण को और बढ़ा रहा है।
प्रदूषण के चलते अगले अड़तालीस घण्टों में आगरा, मेरठ, अलीगढ़, लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, गोरखपुर में सुबह और शाम के समय दृश्यता काफी कम रहेगी, जिसके चलते सड़क और रेल यातायात प्रभावित होगा। हवाई यातायात भी बाधित हो सकता है। अगले दो दिनों के बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश और इससे सटे हिस्सों में उत्तरी हवाएं तेज़ होंगी जिसके चलते प्रदूषण में 11-12 नवम्बर से कमी आएगी। फिलहाल उत्तर प्रदेश में आसमान साफ और मौसम शुष्क रहने की संभावना है।
वहीं दिल्ली-एनसीआर में धुंध और प्रदूषण की मोटी परत कल भी जारी रहेगी। प्रदूषण से किसी राहत की उम्मीद नहीं है। कोहरे के रूप में छाए प्रदूषण के चलते दृश्यता कम होगी जिससे सड़क, रेल और हवाई यातायात प्रभावित होगा। मध्य भारत में मौसम आरामदायक और शुष्क बना रहेगा।
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