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बजट 2018 : अमीरों तथा गरीबों के बीच की खाई और बढ़ेगी: मायावती

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लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने मोदी सरकार के बजट को गरीब विरोधी बताते हुए कहा कि इससे अमीरों तथा ग़रीबों के बीच की खाई और बढ़ेगी. सुश्री मायावती ने आज यहां जारी बयान में कहा कि आज संसद में पेश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के अन्तिम आम बजट गत वर्षों की तरह ही केवल लच्छेदार बातों वाला छलावा है. इस बजट से अमीरों तथा ग़रीबों के बीच की खाई और बढ़ेगी.

उन्होने कहा कि बजट में गरीबों के लिये कुछ नही है. बजट केवल ग़रीब-विरोधी एवं धन्नासेठ-समर्थक है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपनी जुमलेबाजी बन्द करके तथ्यों तथा तकरें के आधार पर यह ज़रूर बताना चाहिये कि अच्छे दिन का वायदा करके जनता को धोखा क्यों दिया.

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि केवल अलंकृत भाषणों एवं लच्छेदार बातों से ग़रीबों तथा मेहनतकश जनता का पेट नहीं भरने वाला है. एक जिम्मेदार तथा जवाबदेह सरकार की तरह उनकी सत्यता का वास्तविकताओं का लेखा-जोखा भी जनता की संतुष्टि के लिये बताना चाहिये. अब तक केवल हवा-हवाई बयानबाजी ही की गयी है.

प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट वास्तविक भारत के हितों की रक्षा करने वाला नहीं है. ग्रामीण भारत को सबसे ज़्यादा सम्मानजनक जीवन जीने के लिये उसकी अपनी क्षमता के अनुसार बेहतर रोजगार के अवसर मुहैया कराने की ज़रूरत है. उन्हे ‘पकोड़ा बेचकर’ रोज़गार अर्जित करने के सलाह की जरूरत नही है. करोडों शिक्षित बेरोज़गार मजबूरी में पहले से ही पकोड़ा तथा चाय बेचने वाला काम कर रहे हैं. यह मोदी सरकार की विफलता का जीता-जागता प्रमाण है.

उन्होने कहा कि मोदी सरकार की प्राथमिकतायें देश के करोड़ों ग़रीबों, मजदूरों, किसानों तथा अन्य मेहनतकश लोगों के हितों को साधने वाली कतई नहीं रही है. विकास के जो दावे सरकार द्वारा किये जाते रहे हैं उसका थोड़ा भी लाभ इन वगरें के लोगों को नहीं मिल पाया है.

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