Home उत्तर प्रदेश यौन शोषण करने वाले दारोगा को बिना जांच क्लीन चिट

यौन शोषण करने वाले दारोगा को बिना जांच क्लीन चिट

44
0

[object Promise]

लखनऊ। बीते दिनों यूपी की राजधानी लखनऊ पहुँची अलीगढ़ जिले की एक महिला ने हजरतगंज कोतवाली के दक्षिणी चैकी में तैनात दरोगा पर फेसबुक के जरिये दोस्ती कर शादी का झांसा देकर यौन शोषण करने का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी। हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर पहुंची पीड़ित महिला का आरोप था कि मंदिर में शादी करने के बाद दरोगा ने धोखा देकर उसे छोड़ दिया था।

महिला ने भूपेन्द्र पर अय्याशी करने का आरोप लगाते हुए कौशांबी जिले के सैनी कस्बे में दूसरी महिला से सगाई करने और जानकारी उजागर होने के बाद सैनी कस्बे की शादी टूटने के चलते दरोगा को लाखों का सामान वापस करने की खुन्नस में पीडिता का उत्पीडन करने का भी आरोप लगाया था। महिला ने आरोप तो यह भी लगाया था कि आरोपी दरोगा भूपेन्द्र सीतापुर के सिधौली में एक अन्य महिला के साथ शादी करने की फिराक में था।

मामला मीडिया में आने पर पुलिस ने जांच कराने की बात कही थी पर अब लखनऊ की  आरटीआई कार्यकत्री उर्वशी शर्मा द्वारा मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज की गई एक शिकायत के उत्तर में पुलिस अधीक्षक नगर पूर्वी लखनऊ सर्वेश कुमार मिश्रा ने बताया है कि इस मामले में किसी पुलिस जांच या कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है।

उर्वशी ने बताया कि उन्होंने हजरतगंज कोतवाली के दक्षिणी चैकी में तैनात एसआई (दारोगा) भूपेंद्र सिंह के खिलाफ एक महिला को शादी का झांसा देकर यौन शोषण करने के अपराध की और हजरतगंज के क्षेत्राधिकारी अभय कुमार मिश्रा द्वारा संज्ञेय अपराध का संज्ञान होने पर भी अभियुक्त एसआई (दारोगा) भूपेंद्र सिंह के खिलाफ एफआईआर लिखने के स्थान पर अभियुक्त एसआई (दारोगा) भूपेंद्र सिंह को संरक्षण देकर विधि की अवज्ञा करने और अपने पद का दुरुपयोग कर मामले को बिना एफआईआर लिखे ही रफा दफा करने के अपराध की एफआईआर लिखकर विधिक कार्यवाही की मांग की थी।

बकौल उर्वशी संज्ञेय अपराध की बात सामने आने पर एफआईआर दर्ज करने की विधिक बाध्यता होने पर भी सर्वेश कुमार मिश्रा द्वारा दोनों पक्षों के बीच समझौता हो जाने की बात कहकर महिलाओं को खेलने की चीज मात्र समझकर 3 महिलाओं की जिन्दगी से खेलने वाले अभियुक्त एसआई (दारोगा) भूपेंद्र सिंह को बिना जांच क्लीन चिट देने से स्पष्ट है कि योगीराज में भी यूपी पुलिस के कार्मिकों को अपराध करने की खुली छूट मिली हुई है और सभी अधिकारी-कर्मचारी एक दूसरे के आपराधिक कृत्यों को छुपाने में परस्पर पूरी मदद कर रहे हैं। कानून की नजर में आम नागरिक और पुलिस कार्मिकों के सामान होने की बातकहते हुए एक्टिविस्ट उर्वशी ने पीड़ित महिला के जीवन प्रति अपनी चिंता व्यक्त की है और एसएसपी से अपील की है कि वे 3 महिलाओं को धोखा देने के आरोपी भूपेन्द्र के खिलाफ तत्काल एफआईआर लिखाकर उसे जेल भेजें और पीड़ित महिला का जीवन सुरक्षित होने के प्रमाण के रूप में उसकी उपस्थिति में एक प्रेस कांफ्रेंस के मार्फत बिना किसी जोर-जबरदस्ती के समझौता किये जाने की बात पीडिता द्वारा स्वयं मीडिया के समक्ष रखवाएं।

Text Example

Disclaimer : इस न्यूज़ पोर्टल को बेहतर बनाने में सहायता करें और किसी खबर या अंश मे कोई गलती हो या सूचना / तथ्य में कोई कमी हो अथवा कोई कॉपीराइट आपत्ति हो तो वह [email protected] पर सूचित करें। साथ ही साथ पूरी जानकारी तथ्य के साथ दें। जिससे आलेख को सही किया जा सके या हटाया जा सके ।