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सोमनाथ भारती: क्या मिलेगा दिल्ली में न्याय?

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सोमनाथ भारती: क्या मिलेगा दिल्ली में न्याय?
सोमनाथ भारती: क्या मिलेगा दिल्ली में न्याय?

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (15 अक्टूबर, 2024) को आम आदमी पार्टी के नेता सोमनाथ भारती की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया। भारती ने राज्य में अस्पतालों और स्कूलों की स्थिति पर कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए उनके खिलाफ दर्ज मामले को दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालतों में स्थानांतरित करने की मांग की थी।

भारती के खिलाफ मामला सुल्तानपुर के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में लंबित है। उन्होंने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था और मामले को दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालतों में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया था।

न्यायाधीशों एम.एम. सुंदरेश और अरविंद कुमार की पीठ ने मामले में शिकायतकर्ता को भी नोटिस जारी किया और मामले को तीन हफ़्ते बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 3 जुलाई को सुल्तानपुर की अदालत में भारती के खिलाफ लंबित कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।

भारती की याचिका और नोटिस का इतिहास

पिछले साल 10 अप्रैल को, शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया और भारती द्वारा दायर याचिका पर कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी थी जिसमें मामले को स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया था।

भारती के खिलाफ उनकी टिप्पणियों पर रायबरेली और अमेठी में दो मामले दर्ज किए गए थे। भारती ने आरोप लगाया कि दोनों मामले राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित थे।

मामला की पृष्ठभूमि

आम आदमी पार्टी के नेता ने 10 जनवरी, 2021 को अमेठी जिले में एक दौरे के दौरान प्रेस से बात करते हुए कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणियां की थीं। अमेठी के जगदीशपुर थाने में स्थानीय निवासी सोमनाथ साहू ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।

भारती द्वारा किए गए आरोपों और दलीलों का विश्लेषण

भारती ने आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ दर्ज मामला राजनीतिक प्रतिशोध का नतीजा है और उत्तर प्रदेश सरकार उन्हें दबाने के लिए उनकी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है। उनका मानना है कि दिल्ली में उन्हें न्याय मिलेगा, जहाँ उन्हें स्थानीय राजनीति के प्रभाव से मुक्त होकर मुकदमा लड़ने का मौका मिलेगा।

भारती द्वारा उठाई गई प्रमुख बातें

  • उनका दावा है कि उन्होंने अमेठी जिले में अस्पतालों और स्कूलों की स्थिति पर टिप्पणी की थी, जिसके आधार पर उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
  • उनका मानना है कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है और वास्तविकता में उन्होंने कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की थी।
  • भारती ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार द्वारा दायर किया गया मामला उनकी राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंचाने और उनकी आवाज को दबाने के लिए एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला और भविष्य की कार्रवाई

सुप्रीम कोर्ट ने मामले में आगे की कार्रवाई के लिए तीन हफ़्ते बाद की तारीख तय की है। इस बीच, भारती के खिलाफ सुल्तानपुर की अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी गई है।

भविष्य की कार्रवाई का अनुमान

  • यह संभावना है कि अगली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट मामले को स्थानांतरित करने की मांग को लेकर भारती और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच दलीलें सुनेगा।
  • सुप्रीम कोर्ट का निर्णय महत्वपूर्ण होगा क्योंकि इससे भारती के खिलाफ चल रहे मामले के परिणाम और राजनीतिक दृष्टिकोण से उनके भविष्य पर प्रभाव पड़ेगा।
  • यह देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में न्यायिक पक्षपात को दूर रखकर भारती के खिलाफ लगाए गए आरोपों को निष्पक्ष रूप से जाँचने का प्रयास करेगा या नहीं।

मुख्य बिंदु

  • सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है।
  • भारती का दावा है कि उत्तर प्रदेश सरकार राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित है।
  • भारती के खिलाफ दर्ज मामले को दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालतों में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया है।
  • मामला अगली सुनवाई के लिए तीन हफ़्ते बाद सूचीबद्ध किया गया है।
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