उन्नाव। उन्नाव दुष्कर्म पीडि़ता ने 43 घंटे जीवन से संघर्ष किया, मगर वह हार गई। गांव और उसके आस-पास के लोगों में घटना को लेकर गम, गुस्सा और कुछ अनसुलझे सवाल भी हैं। लडक़ी के घर में पहले से ही मातम पसरा हुआ था, मौत के बाद पूरा गांव गमगीन है। गांव में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है। मामले के तूल पकड़ते ही बड़ी संख्या में राजनीतिक पार्टियों के लोगों का आना-जाना लगा हुआ है।
कुल मिलाकर सब यह दिखाने को तैयार हैं कि हम परिवार के साथ सबसे पहले खड़े हैं। आक्रोश के चलते शुक्रवार को पुलिस ने अरोपियों को छिपाकर पीएचसी से मेडिकल करवाया। फिर कोर्ट में पेश किया। अब सभी आरोपी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं। मामले में गांव की प्रधान के पति और बेटे को भी आरोपी बनाया गया है।
गांव वालों के अनुसार, दोनों परिवारों में दो साल पहले तक बहुत मधुर संबंध थे। पीडि़त परिवार का संबंध गांव के प्रधान से भी अच्छा था। खुद पीडि़त लडक़ी के पिता इस बात को बताते हैं कि प्रधान परिवार उनकी काफी मदद करता था और सरकारी योजनाओं का लाभ भी आसानी से मिल जाता था। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में सबंध खराब हो गए। 18 जनवरी 2018 को रायबरेली कोर्ट में पीडि़ता और आरोपित शिवम त्रिवेदी ने शादी के अनुबंध पर हस्ताक्षर किया था।
अनुबंध में लिखा गया था कि शादी के बाद वह लडक़ी का पूरा ख्याल रखेगा। उसे हर्जा, खर्चा देगा। उसके भरण-पोषण की जिम्मेदारी शिवम की है। अनुबंध के कुछ दिन बाद ही सारी कसमें टूट गई। पीडि़ता को अकेला छोडक़र शिवम चला गया। उसके बाद, पीडि़ता ने अपना हक मांगा तो उसने धमकी दी गई। गांव में पंचायत हुई तो शिवम के घरवालों ने पीडि़ता पर दबाव बनाया कि रुपये ले लो और शिवम को छोड़ दो।
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