एक बाबा के श्राप के चलते 150 वर्षों से इस गांव में होली का पर्व नहीं मनाया जाता। हरियाणा के कैथल के गुहला गांव के ही एक समाजसेवी नरैण शर्मा ने बताया कि वर्षों पहले गांव में स्थित एक ठिगने कद का बाबा रहता था और कुछ लोगों ने होली के दिन उसके कद को लेकर उसका मजाक उड़ा लिया था, नतीजतन अपने अपमान से क्रोधित बाबा उसी समय होली दहन के अवसर पर जिंदा दफन हो गया था।
क्रोधित बाबा मरने से पहले उसने लोगों को श्राप दे डाला था कि जो व्यक्ति आज के दिन होली का पर्व मनाएगा तो उसके परिवार का नाश हो जाएगा। परंतु जब लोगों ने बाबा की मान-मुव्वल की तो बाबा ने श्राप से मुक्ति का तरीका बताया।
बाबा ने कहा कि यदि होली वाले दिन गांव के किसी व्यक्ति की गाय को बछड़ा व महिला को लड़का एक साथ पैदा होगा तो सारा गांव श्राप से मुक्ति पा जाएगा, अन्यथा जो भी व्यक्ति इसका उल्लंघन करेगा, वह श्रापित होगा।शर्मा ने बताया कि उस दिन के बाद लोगों ने होली मनाना छोड़ दिया क्योंकि पिछले 150 सालों से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद ऐसा संयोग ही नहीं बना कि गांव में किसी के यहां एक साथ गाय को बछड़ा व महिला को लड़का पैदा हुआ हो।
उन्होंने बताया कि जब भी किसी ने बाबा के श्राप की अनदेखी कर होली मनाने का प्रयास किया तो उसका काफी नुकसान हुआ। जिसके चलते लोग अब डरते हुए होली का पर्व ही नहीं मनाते। उन्होंने बताया कि इस बार लोगों को उम्मीद है कि शायद यह परम्परा टूट जाए। परंतु इस बार भी यदि कोई संयोग न बना तो फिर गांव का कोई भी व्यक्ति होली नहीं मनाएगा।
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