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ताबीज की वजह से पत्नी के गर्भ में बच्चे की मौत , इसलिए बुजुर्ग को पीटा

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गाजियाबाद के लोनी में बुजुर्ग अब्दुल समद की पिटाई के मामले में पुलिस के जांच अधिकारी ने डासना जेल में बंद प्रवेश गुर्जर के बयान दर्ज किए. अपने बयान में प्रवेश ने माना है कि उसने बुजुर्ग की पिटाई की थी. उसने अधिकारियों को बताया कि वो काफी गुस्से में था. क्योंकि उसे लगता था कि अब्दुल समद के द्वारा दिए गए ताबीज़ की वजह से उसकी पत्नी के गर्भ में 6 महीने के बच्चे की मौत हो गई थी. ताबीज की वजह से ही उसके साथ बुरा हो रहा है. प्रवेश गुर्जर ने बताया कि कल्लू ने दाढ़ी काटी थी, क्योंकि वो भी बहुत गुस्से में था. जिस समय ये घटना हुई उस वक्त वहां पर कई लोग मौजूद थे.

इस मामले में पहली बार पुलिस ने 18 जून को प्रवेश गुर्जर के बयान दर्ज किए. प्रवेश गुर्जर रंगदारी के एक दूसरे मामले में जेल में बंद है. पुलिस प्रवेश की रिमांड लेने की तैयारी कर रही है. इस मामले में पुलिस अब तक 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. हालांकि इनमें से 8 को कोर्ट ने जमानत दे दी है.

पुलिस ने बताई थी ताबीज वाली बात

गाजियाबाद के लोनी के एक बुजुर्ग का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इस वीडियो में कुछ युवक बुजुर्ग की पिटाई करते दिखाई दिए थे. पुलिस ने दावा किया था कि यह पूरा मामला ताबीज को लेकर हुआ था. पुलिस ने बताया था कि बुजुर्ग ताबीज बनाता था. इन्होंने परवेश गुज्जर नाम के युवक को ताबीज़ दिया था. बताया जा रहा है कि ताबीज़ पहनने के बाद उल्टा असर हो गया. युवक को यही लगा कि ताबीज़ के कारण यह हुआ है. इसी को लेकर गुस्से में उसने अब्दुल समद की दाढ़ी काट दी और पिटाई कर दी. पिटाई होने के बाद पीड़ित अब्दुल समद ने थाना लोनी बॉर्डर पुलिस में मामला दर्ज कराया. पुलिस ने यह भी दावा किया था कि आरोपी, अब्दुल समद सैफी को पहले से ही जानते थे.

सांप्रदायिक एंगल होने से पुलिस ने इंकार किया था. यूपी पुलिस ने इस मामले में ट्विटर समेत कइयों के खिलाफ FIR दर्ज की है.

बुजुर्ग क्या कह रहे हैं?

आजतक की खबर के मुताबिक, 16 जून की रात समद सैफी ने बुलंदशहर के अनूपशहर में अपने घर पर पत्रकारों से बातचीत में कई चौंकाने वाले दावे किए. अब्दुल समद सैफी ने आरोप लगाया कि वो चार लोग थे. मेरी कनपटी पर पिस्तौल लगाई. डंडे और बेल्ट से मुझे बहुत मारा. मैं नहीं जानता था कि वो कौन थे. अब्दुल समद सैफी ने आगे दावा किया कि मैं नहीं जानता कि मारने वाला कोई मुसलमान था. ताबीज की बात झूठी है. मैं ताबीज का कोई काम नहीं करता. मुझ पर झूठा इल्जाम लगाया जा रहा है. ऐसा इल्जाम कोई भी लगा सकता है. मैं तो मदरसे पर रहता हूं.

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