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जोधपुर। हिन्दू-मुस्लिम झंडे को लेकर हिंसा इतनी भड़की की पत्रकारों को धरने पर बैठना पड़ा, इंटरनेट भी बंद

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डेस्क। देश में एक के बाद एक धार्मिक हिंसाए हो रहीं हैं। जहां एक ओर ऐसे में हिन्दू पर्व अक्षय तृतीया और इस्लामिक त्योहार ईद एक साथ पड़े। तो इस मौके पर हिंसा होना लाजमी ही था।। राजस्थान के जोधपुर शहर में सोमवार रात धार्मिक झंडे फहराने को लेकर दो गुट आमने-सामने हो गए, जिससे तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। 

झड़पों की सबसे पहले जालोरी गेट चौराहे पर सूचना मिली थी जब एक समुदाय के कुछ बदमाशों ने ईद-उल-फितर और अक्षय तृतीया त्योहारों से पहले बालमुकंद बिस्सा सर्कल में इस्लामिक झंडा लगाया और भगवा झंडा हटा दिया।  इस पर दूसरे समुदाय के लोगों ने विरोध किया, जिससे हिंसक झड़प हो गई।  पथराव की भी सूचना मिली, जिसके बाद पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।  हिंसा में पुलिस के कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।

दरअसल शहर के जालोरी गेट चौराहा पर मौजूद स्वतंत्रता सेनानी बाल मुकुंद बिस्सा की मूर्ति पर झंडा और ईद से जुड़े बैनर लगाने से विवाद की शुरुआत हुई। इसके अलावा ईद की नमाज को लेकर चौराहे तक लाउडस्पीकर लगे जिसको लेकर लोगों में आक्रोश पैदा हो गया।

इस दौरान हिंदूओं लोगों ने नारेबाजी करते हुए झंडे बैनर हटा दिए। जिसके विरोध में पथराव हुआ। चौराहे पर कई गाड़ियों के कांच भी फोड़ दिए गए। 

घटना के बाद इंटरनेट बंद

इस हिंसा के बाद शहर में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई। संभागीय आयुक्त हिमांशु गुप्ता ने कहा है कि कानून व्यवस्था को देखते हुए जिले में 3 मई को रात 1 बजे से इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।

पत्रकार भी हुए पत्थर-लाठी का शिकार

इस दौरान मीडियाकर्मियों से पुलिस से भी विवाद हुआ। पत्रकारों पर भी लाठियां बरसीं। साथ ही एक पत्रकार को चोट भी लगी है। इसके विरोध में पत्रकार सड़क पर धरने पर बैठ गए।

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