Home राष्ट्रीय नई दिल्‍ली-मास्‍को की दोस्‍ती को लेकर भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव

नई दिल्‍ली-मास्‍को की दोस्‍ती को लेकर भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव

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मास्‍को/वॉशिंगटन/नई दिल्‍ली । यूक्रेन पर रूस के भीषण हमले के बीच भारत और अमेरिका के रिश्‍तों में पिछले दिनों तनाव देखने को मिला। भारत के दौरे पर आए अमेरिकी अधिकारी ने दलीप सिंह ने मोदी सरकार को धमकी तक दे डाली। अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने भी पिछले दिनों भारत को सुना दिया। रूस को लेकर भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव और नई दिल्‍ली-मास्‍को की दोस्‍ती को देखते हुए अब क्‍वॉड में दक्षिण कोरिया को लेकर चर्चा तेज हो गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि दक्षिण कोरिया क्‍वॉड में भारत के विकल्‍प के रूप में उभर रहा है।

एशिया टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कोरिया आने वाले समय में चीन पर लगाम लगाने के लिए बनाए गए क्‍वॉड में ज्‍यादा प्रभावी भूमिका निभा सकता है। दक्षिण कोरिया और चीन के बीच लंबे समय से बहुत अच्‍छे रहे थे। यूक्रेन में चल रही खूनी जंग के बीच दक्षिण कोरिया में नए राष्‍ट्रपति यून सुक येओल आ रहे हैं और वह हिंद प्रशांत क्षेत्र में दक्षिण कोरिया के रुख में बदलाव कर सकते हैं। उधर, भारत लगातार रूस के साथ अच्‍छे रिश्‍ते बनाए रखने पर जोर दे रहा है। इससे क्‍वॉड के अंदर ही दो राय हो गई है।

अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने पीएम मोदी, जयशंकर समेत कई नेताओं के साथ मुलाकात के बाद भारत को रूस के साथ संबंधों को लेकर चेतावनी दी है। उसने कहा क‍ि इससे रूस के खिलाफ अमेरिका और पश्चिमी देशों की ओर से लगाए गए प्रतिबंध कमजोर हो जाएंगे। वह भी तब जब अमेरिका के विदेश मंत्री और रक्षामंत्री ने अपनी यूक्रेन यात्रा के दौरान साफ कर दिया था कि उनकी वर्तमान रणनीति रूस की पूरी तरह से घेरेबंदी है। भारत ने साफ कह दिया है कि अमेरिका के साथ दोस्‍ती जरूरी है लेकिन वह रूस को नहीं छोड़ सकता है।

इससे नाराज बाइडन ने भारत के मानवाधिकार और लोकतंत्र को लेकर निशाना साधा था। रूस को लेकर अमेरिका और भारत के बीच संबंधों में आई तल्‍खी से क्‍वॉड के अंदर भारत के विकल्‍प का रास्‍ता बनता जा रहा है। दक्षिण कोरिया इस जगह को लेने के लिए आतुर नजर आ रहा है जो एक लोकतंत्र है और बड़े पैमाने पर हथियारों का निर्यात करता है। इसके अलावा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नियम आधारित व्‍यवस्‍था बनाए रखने में अमेरिका का घनिष्‍ठ सहयोगी है। आने वाले समय में दक्षिण कोरिया क्‍वॉड प्‍लस और जी-7 प्‍लस के रूप और ज्‍यादा प्रभावी भूमिका हासिल करने की कोशिश करेगा।

दक्षिण कोरिया के नए राष्‍ट्रपति यून ने ऐलान किया है कि उनका देश विस्‍तारित क्‍वॉड का सदस्‍य बनने के लिए तैयार है। दक्षिण कोरिया के क्‍वॉड में आने के बाद भी भारत जो दुनिया का दूसरा सबसे ज्‍यादा आबादी वाला देश है, पश्चिमी देशों के लिए भविष्‍य के लिहाज से रणनीतिक केंद्र बना रहेगा। यही वजह है कि पीएम मोदी के साथ हाल ही में बातचीत के दौरान बाइडन ने व्‍यापक रणनीतिक भागीदारी बनाने का प्रण किया था। इस तरह से उन्‍होंने दोनों ही देशों के बीच संबंधों में आई तल्‍खी को खत्‍म करने की कोशिश की थी। दक्षिण कोरिया के नए राष्‍ट्रपति ने यह भी संकेत दिया है कि वह अमेरिका की हवाई रक्षा प्रणाली थाड को भी अपने यहां लगाने के लिए तैयार हैं।

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